सिद्धार्थनगर/खेसरहा। जिलाधिकारी भ्रष्टाचार को लेकर काफी सख्त हैं। इसी क्रम में आवास नाली शौचालय आदि के सम्बन्ध में देवगह गाँव में खंड विकास अधिकारी ने जाँच की है। शौचालय के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि शौचालय 2017 में बना है जो प्रयोग में हैं वो सही हैं और जो प्रयोग में नहीं है वो बेकार हैं। आवास के सम्बन्ध में भी उन्होंने जाच की। उन्होंने नाली के लिए सड़क किनारे नाली बना कर उसे नहर में गिराने की बात कही। जिस पर नहर विभाग से नों ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिए कहे जाने की बात पर खंड विकास अधिकारी ने कहा कि बात की जाएगी।
सड़क किनारे स्थित खेत तापनाथ आदि का है। तापनाथ से हुई बात के क्रम में उन्होंने कहा कि नाली 2013 में ही बन गई होती यदि पूर्व प्रधान नहर विभाग से एनओसी ले आये होते। वर्तमान में भी नाली पानी को नहर में गिराए जाने को लेकर यदि नहर विभाग कोई अवरोध नहीं करता है तो नाली बना दी जाये। लेकिन यदि नहर विभाग को ऑब्जेक्शन है तो हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। क्योकी यदि नहर विभाग ने नाली बंद कर दिया तो पानी हमारे खेत में आएगा। तापनाथ ने बताया कि नहर पर प्रधान निधि से पुलिया बनाने के लिए एनओसी नहर विभाग ने नहीं दिया था। जिस पर हमारे संवादाता ने नहर विभाग लखनऊ से मौखिक बात की। नहर विभाग के अधिकारी ने बताया जहां तक मेरी जानकारी है नहर में नाली का पानी नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि बाकी जानकारी आप अपने नजदीकी नहर विभाग कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
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