सिद्धार्थनगर। जनपद में खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान की नर्सरी डालने का दौर चल रहा है। ऐसे में हो रही तेज धूप व भीषण गर्मी को देखते हुए धान की नर्सरी की देखभाल में लापरवाही घातक हो सकती है। यहां तक कि सचाई में भी समय का ध्यान नहीं दिया गया तो वह बर्बाद हो सकती है। खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में की जाती है।
धान की नर्सरी डालने से पहले किसानों को बीज शोधन जरुरी है। जहां पर जीवाणु झुलसा या जीवाणु धारी रोग की समस्या हो वहां पर 25 किलो बीज के लिए 4 ग्राम स्ट्रेप्टोमाइसीन सल्फेट या 40 ग्राम प्लांटोमाइसीन धान के बीज के साथ पानी में भिगोकर रातभर भिगोन चाहिए। । दूसरे दिन इसको छाया में सुखाकर नर्सरी में डालना चाहिए। ।
किसान मध्यम व देर से पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते तक करें और जल्दी पकने वाली किस्मों की बोआई जून के दूसरे हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक करें। नर्सरी के लिए 1.0 से 1.5 मीटर चौड़ी व 4 से 5 मीटर लंबी क्यारियां बनाना सही रहता है।
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