सिद्धार्थनगर। हर साल 5 जून से 16 जून के बीच विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इन दिनों हर जगह पेड़ पोधे लगाये जाते हैं, और पर्यावरण से सम्बंधित बहुत से कार्य किये जाते हैं। जिसमे 5 जून का विशेष महत्त्व होता है।
हर साल के विश्व पर्यावरण दिवस को कुछ न कुछ विषय के साथ मनाया जाता है, और यह विषय विशेष रूप से पर्यावरण की किसी एक चिंता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए होता है। साल 2019 में यह विषय ‘वायु प्रदूषण’ है। पिछले वर्ष इसका विषय था “प्लास्टिक प्रदूषण को ख़त्म करना”। इस साल का विषय कारखानों में उपयोग होने वाली मशीनों से निकलने वाले धुएं, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं जैसे विभिन्न कारणों से वायु को दूषित होने से रोकने के लिए चुना गया है। साथ ही हम अपने रोजमर्रा के जीवन को कैसे बदल सकते हैं, जिससे कि हम वायु प्रदूषण की मात्रा को कम कर सकें, और ग्लोबल वार्मिंग एवं इससे अपने स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों को कैसे विफल कर सकें. इस पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।
सबसे जरूरी बात यह है कि आज हर मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास करना चाहिए। क्योकि पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से मुक्त होना, किसी एक समूह के बस की बात नहीं है। इस समस्या पर काबू किसी नियम या कनून को लागू करके नहीं पाया जा सकता। अगर हर कोई इसके दुषपरिणाम के बारे मे सोचे और अपनी आगे वाली पीढ़ी के बारे मे सोचे तो ही इससे निजात संभव है।
विश्व पर्यावरण दिवस को दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति लोगों में जगरूकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है। इसलिए हर साल कोई एक देश इसकी जिम्मेदारी लेता है, और फिर वहां अधिकारिक समारोह आयोजित किया जाता है। मेजबान देश पर ध्यान केन्द्रित करने से पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। इस साल यानि सन 2019 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए मेजबानी करने वाला देश चीन है। चीन को इस साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए मेजबान देश इसलिए बनाया गया है क्योंकि चीन अपने बढ़ते ग्रीन एनर्जी सेक्टर के साथ एक जलवायु लीडर के रूप में उभरा है। विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की मेजबानी करके चीन सरकार अपने इनोवेशन और एक स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में प्रगति करने में सक्षम होगी।
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