फतेहपुर। जनपद में खाकी की वसूली के कारनामो ने वर्दी को शर्मसार कर दिया है इससे पहले भी खाकी की वसूली के बड़े बड़े किस्से सामने जाए और उन पर कार्यवाहियां भी हुईं मगर फिर भी सिस्टम में बैठे कुछ बहरूपिये, अधिकारियों को गुमराह करके इनकी पोस्टिंग दोबारा करा देते हैं जिससे सुधार का स्थान ही समाप्त हो जाता है। बताते हैं कि शनिवार रात को पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह स्वयं कानून ब्यवस्था का जायजा लेने के लिए सड़कों पर निकले थे जब वह जयरामनगर चौराहे पहुंचे तो ट्रकों की लाइन देखकर उनका माथा ठनका, क्योंकि ट्रकों को चौराहे पर रोका गया था जबकि जयरामनगर से राधानगर तक की रोड खाली थी। मौके की स्थिति से स्पष्ट था कि यह ट्रक वसूली के उद्देश्य से रोके गए थे। पुलिस अधीक्षक ने फटकार लगाते हुए तत्काल मौके पर उपस्थित राधानगर चौकी इंचार्ज शैलेश यादव व दो सिपाही आनंद राव और अभिषेक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस अधीक्षक की इस कार्यवाही से महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है वहीं वसूली करने वाले कर्मियों को ये सबक भी मिला है कि इन पुलिस अधीक्षक के सामने यह सब नहीं चल पाएगा। एसपी की नीति स्पष्ट है कि विभाग में कोई भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा। बशर्ते मजबूत इरादे होने के बावजूद ये आम चर्चा का विषय बना हुआ है कि पुलिस अधीक्षक ने वसूली के आरोप में तीन को लाइनहाजिर करके सबक तो सिखा दिया मगर एलआईयू विभाग के दो सिपाहियों का स्पष्ट भ्रष्टाचार जिसकी दर्जनो वीडियो और ऑडियो रिकार्डिंग है वह उन्हें नजर नहीं आ रहा, इसी तरह राधानगर चौकी में ही पचास हजार की वसूली के आरोपी गिरीश पर भी रहम समझ से परे है वहीं किशुनपुर के सिपाही असलम जिसका लकड़ी की कटाई का छह हजार रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ वह भी जांच के नाम पर कृपा की भेंट चढ़ता हुआ नजर आ रहा है
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