बलिया। जनपद के रतसर विद्युत उपकेंद्र पर कुछ हरे पेड़ जो उपभोक्ताओं को धूप से राहत देते थे, और परिंदों का आखिरी आशियाना था, जिसे संबंधित जेई व विद्युत विभाग के सबसे बड़े अधिकारी एक्सियन द्वारा पेड़ों को कटवाने की कोशिश लगभग 20 दिनों से चल रही थी। जिसे ग्राम प्रधान रतसर कलां स्मृति सिंह व पर्यावरण प्रेमी रवि शंकर सिंह ने दिनांक 18 अप्रैल तक कानूनी आधार पर रुकवाये रहे। सारे लोग संतुष्ट थे कि पेड़ों की जान बच गई। लेकिन एकाएक जेई व एक्सियन विद्युत विभाग बलिया लकड़ कसाई व कुछ अन्य लोगों से मिलकर तारीख 18 की शाम लगभग 3 बजे पेड़ों को कटवाने लगे। सूचना पाकर रवि शंकर सिंह एडवोकेट सचिव राजवंशी देवी स्मृति सेवा संस्थान मौके पर पहुंच कर देखे तो हरे पेड़ो की कटाई हो रही थी। पेड़ कौन कटवा रहा है जानकारी के लिए पुछा तो जेई ने कहा मैं पेड़ कटवाऊगां, इस दौरान रविशंकर सिंह ने एसडीएम साहब का पत्रक भी दिखाया। जिसमें एसडीएम साहब ने लिखा था। राजस्व निरीक्षक रतसर व वन विभाग बलिया से अनापत्ति पत्र लेने के बाद ही पेड़ काटे जाने चाहिए। इस पर जेई नाराज हो गए। बोले कि मेरे विभाग का मामला है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। जबकी नियम यह है कि कोई भी सरकारी पेड़ बिना निविदा नहीं काटे जा सकते। इस विधि सम्मत बात को एक्सियन विद्युत विभाग के मोबाइल नंबर 9450963747 पर दिया गया। जिस पर एकसीएन से भी काफी कहा सुनी हुई। फिर भी पेड़ों का कटना नहीं रुका जैसे ही स्थिति की जानकारी दूसरे दिन 19 तारीख को सुबह ग्राम प्रधान को हुई। उन्होंने 100 नंबर पर डायल कर तथा एस ओ गड़वार को भी हरे पेड़ों के काटे जाने की सूचना दी गई। जिस पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा तबतक कुछ पेड़ काट कर जमीन पर गिराया जा चुका था। पर्यावरण प्रेमी रवि शंकर सिंह एडवोकेट ने “खबरे आजतक Live” से कहा की पेड़ों पर हो रहे अत्याचार को देखने के सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं है। इसलिए मैं संबंधित उच्च अधिकारियों को सूचनार्थ इन तथ्यों को उनके सामने रखने की कोशिश कर रहा हूं। जेई और एक्सियन के इस रवैए से जन आक्रोश है। इसे लेकर पर्यावरण प्रेमी पर्यावरण के संदर्भ में जनहित याचिका दायर कर चुके हैं और यह प्रकरण भी पर्यावरण को देखते हुए हाईकोर्ट जाना लाजमी है लग रहा है। जिसके लिए क्षेत्रीय जनता द्वारा चंदा इकट्ठा कर सहयोग के रूप में रवि शंकर सिंह सचिव को दिया है।
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