मौजदा हालत बतातें है कि पप्पू भले ही पहले पासिंग मार्क्स लाता रहा हो पर पर आज के हालातों के मद्देनजर टॉपर की रेस में है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने जिस तरह कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को पटखनी दी है उससे साबित हो गया की राजनितिक दांव पेच में कांग्रेस पीछे नहीं रहने वाली। केंद्र की मोदी सरकार ने चार साल पूरे कर लिए हैं. 26 मई 2014 को मोदी सरकार ने शपथ ली थी, और इस बार सरकार ने अगले चुनाव के लिए नया नारा भी गढ़ लिया है. साफ नीयत सही विकास, 2019 में फिर मोदी सरकार. लेकिन इन चार साल के काम काज के बदले सरकार को कितने नंबर जनता देती है? क्या लोग सरकार के काम काज से खुश हैं? क्या वो फिर इसी सरकार को और बीजेपी को वोट देने के लिए तैयार हैं? क्या नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई अंतर आया है?क्या राहुल की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है इन्हीं सारे सवालों को लेकर सीएसडीएस और लोकनीति ने सर्वे किया है.2014 में एनडीए को 323 सीटें मिली थीं, और यूपीए 60 तक सिमट गई थी. लेकिन अगर आज चुनाव होते हैं तो एनडीए को बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 2 ज़्यादा, यानि 274 सीटें मिलने का अनुमान है. हालांकि गिरते पड़ते ही सही, सरकार वापस एनडीए की बन सकती है. य़ूपीए को आज की तारीख में 164 सीटें मिलने का अनुमान है – यानि पिछली बार के मुकाबले बड़ा फायदा और अन्य दलों के खाते में पिछली बार के 153 के मुकाबले, 105 सीटें आ सकती हैं, जिनमें से कई कांग्रेस या यूपीए के साथ जा सकते हैं. कर्नाटक फॉर्मूले के हिसाब से देखा जाए तो टक्कर कांटे की हो सकती है,
अब ज़रा वोट प्रतिशत पर नज़र डालिए. अगर आज चुनाव हो जाएं तो किसके हिस्से कितने वोट आ सकते हैं. बीजेपी को 32% और उसके सहयोगियों को 5% वोट मिल सकते हैं. कांग्रेस को 25% और उसके सहयोगियों को 6% वोट मिल सकते हैं. कांग्रेस के लिए खुशी की बात ये हो सकती है कि जिस बीएसपी के साथ उसका दोस्ताना यूपी में अच्छे संकेत दे चुका है, उस बीएसपी को 4% और उसके सहयोगियों को, जिनमें समाजवादी पार्टी भी शामिल है, 6% वोट मिल सकते हैं, यानि 10% का इज़ाफा यूपीए के खाते में होता दिख रहा है.मई 2017 में जिस बीजेपी और उसके सहयोगियों को 45 फीसदी लोग पसंद कर रहे थे, उसमें गिरावट है. जनवरी 2018 में ये पसंद 40% तक आई और आज यानि मई 2018 में ये ग्राफ़ 37% तक गिरा है. इसका सीधा फायदा कांग्रेस और उसके सहयोगियों को मिला है. मई 2017 में जिस कांग्रेस को 27% लोग पसंद कर रहे थे, वो जनवरी में 30% और आज की तारीख में बढ़ कर 31% है. इसी के साथ साथ कांग्रेस की सहयोग बीएसपी और उसकी साथी पार्टियों का ग्राफ भी मई 2017 के 6% के मुकाबले, आज 10% तक चढ़ गया है.सर्वे के मुताबिक राजस्थान में बीजेपी को नुकसान होता दिख रहा है. बीजेपी को वोट शेयर घटता दिख रहा, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा. कांग्रेस के वोट शेयर में सीधे 10 फीसदी का इजाफा होता दिख रहा. राजस्थान में जहां 2013 में बीजेपी ने 45 % वोट हासिल किए थे, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 39 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं. कांग्रेस ने 2013 में 33 प्रतिशत जबकि 2018 में 44 फीसदी वोट हासिल करती नजर आ रही है. वहीं अन्य की बात करें तो 2013 में इनका वोट शेयर 22 प्रतिशत था जो अब घटकर 17 फीसदी रह गया है.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






