शाहजहांपुर गांधी भवन प्रेक्षागृह में वेदांत सामाजिक सांस्कृतिक सोसायटी से जुड़े कलाकारों ने प्रेम कबूतर नाट क का भावपूर्ण मंचन किया। लॉकडाउन के बाद पहली बार गांधी भवन में हुए आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुति में बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। समाज की मनोदशा पर केंद्रित नाटक का मंचन प्रभावी रहा। प्रेम में असफल बच्चे की मौत पर विलाप कर रहे मां बाप के दृश्य को देख तमाम दर्शकों की आंखे भर आयी।
मानव कौल लिखित व देश दीपक द्वारा रूपांतरित नाटक का निर्देशन योगेश पांडे ने किया। नाटक में वर्तमान युवा पीढ़ी की मनोदशा को व्यक्त किया गया है। जो युवा प्रेम में असफल एवं रोजगार न मिलने के कारण परेशान होकर गलत कदम उठा लेते हैं। जिसका खामियाजा उनके मां-बाप को भुगतना पड़ता है। नाटक में सुनील नाम का पात्र प्यार में असफल होने पर अपने प्राण त्याग देता है। बूढ़े पिता इकलौती संतान के चले जाने पर विलाप करते है। कई अन्य घटनाएं सुनने को मिलती हैं कि बच्चा परीक्षा में फेल हो गया। उसने गलत कदम उठा लिया। एकतरफा प्यार में पढ़कर लड़के ने अपनी जान दे दी। ऐसी घटनाएं मजबूर माता-पिता की मनोदशा को व्यक्त करती है। नाटक का शुभारंभ डीपीओ वरुण सिंह, सहायक नगर आयुक्त अगंद गुप्ता, रश्मि भारती ने दीप प्रज्जवलन से किया। नाटक में गुलफिदां का किरदार नैना संधू ने निभाया। देवनाथ कामिनी कश्यप, गुड्डू की भूमिका में पारित दीक्षित का अभिनय यादगार रहा। सुनील अमित, हरिश्चंद्र राजू की भूमिका में अमन राजवंशी गट्टू की भूमिका में अभिशांत पाठक, दरोगा की भूमिका में अतुल मिश्रा, सुनील के पिता ऋषि कांत, ऋषि पुत्र आदित्य वर्मा समेत आशीष गौतम, सागर श्रीवास्तव आदि का सहयोग रहा।
*जनपद शाहजहांपुर से जितेंद्र कुमार कश्यप की रिपोर्ट*
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