विधायक पयागपुर व जिलाधिकारी ने मोटर साइकिल पर सवार होकर किया रैली का नेतृत्व
खेतों में पराली न जलाने की डीएम ने किसानों से की अपील
बहराइच 09 नवम्बर। जनपद में पराली व फसल अवशेषों को खेतों में जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश तथा पराली सहित सभी प्रकार के फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन हेतु आमजन व कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन इन सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजनान्तर्गत जनपद की समस्त तहसीलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत विधायक पयागपुर सुभाष त्रिपाठी व जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झण्डी दिखाकर रैली में शामिल चार पहिया व दो पहिया वाहनों को रवाना किया। जागयकता रैली की विशेषता यह रही कि विधायक पयागपुर ने मोटर साइकिल पर जिलाधिकारी को बैठाकर जागरूकता रैली का नेतृत्व किया।
रैली को सम्बोधित करते हुए विधायक श्री त्रिपाठी व डीएम डॉ. चन्द्र ने रैली में सम्मिलित कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आहवान किया कि गांव-गांव जाकर किसानों को खेतों में फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक करें। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाय कि पराली व फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन से भूमि की उर्वरा शक्ति में इज़ाफा किया जा सकता है। इनसीटू संत्रों से खेतों में मिलाकर कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है अथवा अवशेष पराली को आस-पास की गौशाला को दान किया जा सकता तथा बेलर मशीनों की मदद से पराली का गट्ठर तैयार कर विपुल इन्डस्ट्री को बेच कर अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है।
डीएम डॉ. चन्द्र ने विभागीय अधिकारियों एव कर्मचारियों को निर्देश दिया कि किसानों को बताया जाय कि पराली जलाना स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए हानिकारक है। किसानों को बेस्टडी कम्पोज़र की मदद से खाद बनाने के तरीको को बताया जाय। किसानों को बताया जाय कि पराली/फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति तथा लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है तथा आस-पास आग लगने की संभावना बनी रहती है, जिससे जन एवं धन की अपार क्षति होती है। किसानों को इस बात की भी जानकारी दी जाय कि पराली जलाना दण्डनीय अपराध है इसके लिए कृषकों से रक्बा के अनुसार अर्थदण्ड की वसूली भी की जा सकती है।
डीएम ने किसानों से अपील की कि पराली/फसल अवशेषों को जलाये नहीं वरन उसे इन सीटू यन्त्रों (मल्चर, रोटावेटर, रिवर्सेबल एम.वी. प्लाऊ) आदि से जुताई कर खेतों में मिलाकर कम्पोस्ट बना लें, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी तथा फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा। डीएम डॉ. चन्द्र ने किसानों को सुझाव दिया कि खेती के साथ-साथ फसल अवशेष व पराली प्रबन्धन में वैज्ञानिक विधि व अत्याधुनिक कृषि यन्त्रों का प्रयोग कर अपनी आय में इज़ाफे के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर पृथ्वी के वातावरण को जीवन योग्य बनाये रखने में मदद करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी मनोज, मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्रीमती प्रिया नन्दा, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी उदयशंकर सिंह, डीजीसी अजय कुमार शर्मा, प्रगतिशील कृषक राम फेरन पाण्डेय, लालता प्रसाद गुप्ता, कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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