रिपोर्ट :वसीम अहमद
रुपईडीहा बहराइच। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र रुपईडीहा कस्बे में बीती शाम चकिया रोड चौराहे के निकट जश्ने गौसुलवरा कार्यक्रम का आयोजन पैगम्बर ए इस्लाम की जीवनी की रौशनी में मानवता को बढ़ावा देने के लिए उलमाओं ने विशेष तौर पर रोशनी डाली। इस अवसर पर देश के विभिन्न शहरों से तशरीफ लाए शोराये इकराम ने इस्लाम धर्म के पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब की शान में जानदार नातिया कलाम पेश किया। कार्यक्रम की शुरुआत मोहम्मद इस्लाम ने नात पढ़कर की। अल्लन बहराइची ने अवधी भाषा मे शेर पढ़कर लोगों को गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। शायर सद्दाम राही सदफ ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों की फरमाइश पर नेपाली शेर पढ़कर जमकर वाहवाही लूटी। शायर फैज़ान रज़ा ने अपनी शानदार आवाज़ से लोगो को इस्लाम की तारीख याद दिला दी। 9 बजे शुरू हुआ कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा। कार्यक्रम की निज़ामत जमाल अख़्तर सदफ ने भी अपने खूबसूरत अंदाज़ में इस्लाम के उसूलों व इंसानियत के पैग़ाम को पहुंचाते हुए लोगो को लुत्फ अंदोज़ कर दिया।जमाल अख्तर ने मुसलमानों से इल्म हासिल करने की पुरजोर अपील की। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सिर्फ़ मज़हब की बात फैलानी चाहिए दारोगा गीरी नहीं करना चाहिए।सारे मसाइल उसी वक्त पैदा होते है जब हम अपनी बात दूसरों से मनवाना शुरू कर देते हैं। अगर हम अपनी बात कह कर दूसरो को मानने ना मानने की आजादी दे देंए तो दुनिया में अमन व शांती कायम हो जायेगी। मज़हब में जोर जबरदस्ती नहीं। और तुम्हारा मज़हब तुम्हारे साथ व हमारा मज़हब हमारे साथ फरमा कर कुरान में हमें उसी तर्ज ए जिन्दगी की दावत दी है। इसी तर्ज ए जिन्दगी को हम अपना लें तो अंतर धार्मिक एकता भी पैदा हों जायेगी और मस्लको के दरम्यान जो झगड़े है उन का भी अंत हो जायेगा। इस अवसर पर प्रधान हाजी अब्दुल कलीम, पूर्व प्रधान मोहम्मद जुबेर अहमद फारूकी, इसरार अहमद उर्फ चौधरी, नौशाद हुसैन अशरफी,डॉ सज्जन अशरफी, शाहिद हाशमी, मोहम्मद एजाज़, मोहियउद्दीन,
मुस्तकीम, मोहम्मद शदाब,मोनू,मुबारक, निज़ामुद्दीन, खेसाल फ़ारूक़ी आदि सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में थाना प्रभारी निरीक्षक श्रीधर पाठक अपनी पुलिस टीम के साथ शामिल रहे।
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