बहराइच। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों से होने वाली बीमारियों से बचाव हेतु सीएमओ कार्यालय सभागार में हेल्थ प्रोफेशनल के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला/उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीएमओ डॉ० संजय कुमार ने की। जबकि कार्यक्रम का संचालन डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएमओ ने तम्बाकू उत्पाद का सेवन न करने और तम्बाकू सेवन छोड़ने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएमओ डॉ० संजय कुमार ने तम्बाकू से हो रहे रोगों, रक्तचाप, अनिद्रा, कैंसर आदि के बारे मे विस्तार से बताते हुए कहा कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से उच्च रक्तचाप की समस्या अधिक उत्पन्न हो रही है। उन्होंने तम्बाकू उत्पादों को छोड़ने के उपाए एवं कोटपा अधिनियम 2003 के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि तम्बाकू उत्पाद छोड़ने हेतु टोल फ्रीनंबर 1800112356 पर बात कर सकते है।
एनसीडी कार्यक्रम के नोडल एवं डिप्टी सीएमओ डॉ० संजय सोलंकी ने कहा कि तम्बाकू मुक्त भविष्य के लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होने कहा कि तम्बाकू की लत व्यक्ति के साथ साथ पूरे परिवार को बर्बाद कर देती है। तम्बाकू के सेवन से कई तरह की बीमारियां फैलती है, जो स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए घातक है। एनपीएचसीई कार्यक्रम के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ० परितोष तिवारी ने कहा कि समाज में विशेषकर युवा समुदाय जानकारी के अभाव में तंबाकू उत्पाद को अपनाकर बीमारी से ग्रसित हो रहे है। लोगों को बीमारियों से बचाना उन्हें जागरूक करना हम सभी का कर्तव्य एवं दायित्व है।
एनसीडी क्लीनिक के डॉ० अंशुमान सिंह श्रीनेत ने कहा कि धूम्रपान करने से धमनियां कमजोर होने लगती हैं और कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर बढ़े हार्ट अटैक के लिए धूम्रपान को भी एक संभावित कारक बताया गया है। इसके अलावा तम्बाकू के उपयोग से कैंसर या फेफड़े की बीमारी भी हो सकती है। कार्यक्रम के अंत में जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचनाधिकारी बृजेश सिंह ने कहा कि तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है। धारा 6 के अन्तर्गत सभी शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में, नाबालिगों द्वारा तम्बाकू के क्रय तथा विक्रय पर प्रतिबंध है। इस अवसर पर डिप्टी सीएमओ डॉ० पी० के० बांदिल, डॉ० अनुराग वर्मा, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के डॉ० विजित जायसवाल, डॉ० एस० के० गौतम, डॉ० अदित श्रीवास्तव, डॉ० हुदा आरा, एफ०एल०सी० विवेक श्रीवास्तव, डॉ० रियाजुल हक़, पुनीत शर्मा, सन्तोष सिंह, बृज प्रकाश, मेन्टल हेल्थ की टीम, मो० हारून, फहीम अहमद आदि मौजूद रहे।
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