रिपोर्ट : रियाज अहमद
बहराइच। क्षेत्र में जो भी यदा-कदा वन संपदा है, वह धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है। अगर इसी तरह हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में क्षेत्र की हरियाली और वन संपदा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष बचाओ जंगल बचाओ व वृक्ष लगाओ अभियान चला रही है। वहीं दूसरी तरफ जनपद के अब्दुल्लागंज (चरदा) रेंज अंतर्गत कुछ लकड़ी माफिया के द्वारा वर्षों पुराने पेड़ों की अंधाधुन कटाई की जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार के द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किया जा रहा प्रयास कितना सफल होगा। जानकारी के लिए बताते चलें कि ग्राम पंचायत मकनपुर अंतर्गत शिवबढ़ैया, मोहनापुर, नरायनजोत आदि गांव में लकड़ी माफियाओं ने अवैध पेडों की कटान विगत एक सप्ताह से जारी कर रखा है। सूत्र बताते हैं कि इस जगह से दिन रात ट्रैक्टर ट्रालियां लोड होकर विभिन्न ईंट भट्ठों व आरामशीनों सहित मंडियों को भेजा जाता है। जिसमें सागौन, गूलर आदि विभिन्न प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ भी शामिल है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में जो भी वन संपदा है वह धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है। अगर इसी तरह हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में क्षेत्र की हरियाली और वन संपदा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी और इसके जिम्मेदार वन विभाग के अफसर होंगे। जिनके संरक्षण में यह कारोबार दिन-रात चल रहा है। नव जीवन में पौधों की जरुरत को देखते हुए हर साल प्रदेश सरकार हरियाली को लेकर पौधारोपण करने के लिए लाखों रुपए का बजट खर्च कर रही है। लेकिन वन रेंज अब्दुल्लागंज (चरदा) क्षेत्र में लकड़ी माफिये, चपत लगाने में जुटे हुए हैं।
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