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Saturday, April 26, 2025 2:13:01 PM

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काव्य संग्रह गंजीना का विमोचन, और शेयरी नशिस्त का हुआ आयोजन

काव्य संग्रह गंजीना का विमोचन, और शेयरी नशिस्त का हुआ आयोजन

 बहराइच की अदबी फिजा बड़ी खूबसूरत रही है, यहां हमेशा बड़े-बड़े शायर व अदीब रहे हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी उर्दू जबान व अदब की खिदमत में वक्फ कर दी थी‌।वही जज्बा आज भी बहराइच के लोगों में पाया जाता है और वह आज भी उर्दू की खिदमत में मसरूफ हैं। आज की नई नस्ल उर्दू जबान व अदब के प्रति बड़ी फाल और मोतिहर्रिक है, जिससे लगता है कि उर्दू जबान ना मिटी है और ना कभी मिटेगी।उक्त ख्यालात का इजहार प्रोफेसर मोहम्मद उस्मान अध्यक्ष किसान किसान डिग्री कॉलेज उर्दू विभाग ने शेयरी मजमुआ गंजीना की रस्में इजरा कार्यक्रम में व्यक्त किया। मालूम हो कि शहर की मशहूर अदबी शख्सियत मोहम्मद जमाल अजहर सिद्दीकी और उनकी तीन बहनों का संयुक्त मजमुआ गंजीना का प्रकाशन हुआ है।जिसका विमोचन अंजुमन फरोगे अदब के तत्वाधान में शहर के मोहल्ला नाजिरपुरा में स्थित मोहम्मद नगर कॉलोनी में मशहूर शायर मजहर सईद अलीग बहराइची की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ कारी मोहम्मद कासिम हयातुल्लाह नूरी की तिलावत कुरान मजीद और शायर रईस सिद्दीकी की नात पाक से हुआ।इस कार्यक्रम को खिताब करते हुए सदर महफिल मजहर सईद ने यह विचार पेश किया।उन्होंने कहा कि- जमाल अजहर तुम्हें मुबारक,तुम्हारी बहनों को भी मुबारक, की जिनकी ताजा तरीन गजलों के साथ उभरा सुखन तुम्हारा।इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर सुफियान अहमद अंसारी ने जमाल अजहर सिद्दीकी की शख्सियत और उनकी शायरी पर तफसीली रोशनी डालते हुए उनके शेयरी मजमुआ गंजीना पर अपने विचार व्यक्त किया और उर्दू जबान व अदब के भविष्य के सिलसिले में फिक्रमंदी जाहिर करते हुए गुजारिश की कि अगर कोई उर्दू का अखबार नहीं खरीदता है तो वह आज यह अहद करें कि कम से कम एक उर्दू अखबार जरूर खरीदे‌। उर्दू स्कॉलर शफीक अहमद बागवान ने भी अपने ख्यालात का इजहार करते हुए बहराइच की अदबी तारीख पर तफ्सीली रोशनी डाली। कार्यक्रम के दो सेशन थे पहले सेशन में शेयरी मजमुआ गंजीना की रस्माजरा और दूसरे सेशन में शेयरी नाशिस्त आयोजित हुई।शेयरी नशिस्त में मजहर सईद, अकमल नजीर, शादा रहमानी,जमाल अजहर, रईस सिद्दीकी, कलीम बहराइची, नजर बहराइची, मंजूर बहराइची, जफर अजीज के अलावा डॉक्टर निजाम मसूदी,डॉक्टर सगीर सिद्दीकी व कलाम अहमद एडवोकेट ने भी अपने-अपने कलाम पेश किया।इस कार्यक्रम में मौलाना नफीस मजाहिरी, हाफिज मोहिउद्दीन,नज्मू जमा, मास्टर अब्दुल बारी, जुनैद अहमद नूर, फखरुद्दीन, अयाज अहमद राईनी, मास्टर सलमान, जावेद चौधरी, शरीफ हाशमी, गुलाम रसूल, मोहम्मद इस्लाम व जुबेर अहमद अंसारी समेत बड़ी तादाद में उर्दू प्रेमी मौजूद थे।इस कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुफियान सुफियान अहमद अंसारी ने किया।

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