इस बार हुए विधानसभा चुनावों को अगले साल यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा था. लगातार ये अनुमान लगाए जा रहे थे कि ये चुनाव काफी हद तक लोकसभा चुनावों को लेकर जनता के मूड को साफ कर देगें. अगर इन चुनावों को सच में 2019 का सेमीफाइनल मानें तो मुख्यतौर पर दो बातें साफतौर पर समझ आ रही हैं कि बीजेपी की मोदी सरकार से अब जनता का विश्वास जरा डगमगाता नजर आ रहा है और राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस एक बार फिर जनता का दिल का जीतने की कोशिशों में सफल होती दिख रही है.अगर हम इन चुनावों में दोनों ही पार्टियों की रणनीति की बात करें तो ये कहा जा सकता है कि मोदी सरकार जनता की नब्ज पकड़ने में जरा कमजोर रही है या यूं कहें कि पार्टी की रणनीति पार्टी की जीत दिलाने में नाकामयाब रही है. अगर दोनों पार्टियों के प्रचार की बात करें तो इस बार पीएम मोदी ने जिन राज्यों में कम रैलियां की हैं वहां पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ा है.इस बार पीएम मोदी ने राजस्थान में कुल 13 रैलियां की हैं. वहीं, मध्यप्रदेश में सिर्फ 10 रैलियां ही की और छत्तीसगढ़ में 5 रैलियां की. अगर इसके मुकाबले राहुल गांधी की बात करें तो राजस्थान में 24 रैलियां की और मध्यप्रदेश में 27 रैलियां की. वहीं, राहुल ने छत्तीसगढ़ को भी जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए 19 रैलियां की.प्रचार के इस गणित का असर अगर हम चुनावों के नतीजें पर देखें तो पीएम मोदी ने जहां सबसे ज्यादा रैली की वो था राजस्थान. यहां उन्होंने 13 रैलियां की, जबकी राहुल गांधी के मुकाबले ये रैलियां काफी कम थी या यूं कहें की आधी थी. राजस्थान में पहले से ही बीजेपी सत्ता में थी तो क्या ये मान लिया जाए कि बीजेपी पहले से ही आश्वस्त थी कि उनकी सरकार ने अच्छा काम किया है और जनता एक बार फिर वसुंधरा सरकार को मौका देगी. लेकिन चुनावों के नतीजे इसके उलट आए.ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुआ. दोनों ही राज्यों में बीजेपी पिछले 15 सालों से काबिज थी और ये कहना गलत नहीं होगा की राहुल की आंधी में बीजेपी की जीत का ये किला ढह गया. मध्यप्रदेश में मोदी ने कुल 10 रैलियां की इसके उलट राहुल गांधी ने उनसे दोगुनी रैलियां की. राहुल ने मध्यप्रदेश में 27 रैलियां की और जनता की नब्ज को पकड़ने में कामयाब रहे. ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ में देखने को मिला. मोदी ने वहां सिर्फ 5 रैलियां की और राहुल गांधी ने राज्य में धुएंधार 19 रैलियां की.इसका नतीजा भी आपके सामने है जहां छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को रूझानों में जनता पूर्ण बहुमत के साथ 64 सीटें देती नजर आ रही है तो वहीं, राजस्थान में भी कांग्रेस को रूझानों में बहुमत का आंकड़ा मिल गया है और पार्टी 104 सीटों पर जीत दर्ज करने की दिशा में बढ़ रही है. ठीक ऐसे ही नतीजे मध्यप्रदेश में दिख रहा है. भले ही रुझानों में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से 1 सीट दूर है और 114 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस ने बीजेपी की नाक के नीचे से तीनों राज्यों में जीत का परचम लहराया है.
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






