तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पार्थिव देह राजाजी हॉल से मरीना बीच की अंतिम यात्रा पर रवाना हो चुकी है. बुधवार सुबह ही मद्रास हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ने उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने की इजाजत दे दी थी. हाईकोर्ट का यह फैसला सुनते ही राजाजी हॉल के बाहर जमे हजारों डीएमके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, वहीं करुणानिधि के बेटे और उनके सियासी वारिस स्टालिन की आंखों से आंसू छलक आएं. वहीं अपने नेता के अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल के बाहर पार्टी समर्थकों का भारी हुजूम लगा रहा, जो किसी भी तरह दर्शन को आतुर थे. इस दौरान पुलिस को भीड़ पर काबू के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा, इस दौरान मची भगदड़ में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 26 लोग घायल हुए है. उधर डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. स्टालिन ने इसके साथ कहा, ‘पुलिस हमें सुरक्षा दे या नहीं, लेकिन मैं आपके पैर पकड़कर विनती और विनर्म निवेदन करता हूं कि शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए धीरे-धीरे यहां से हट जाएं.’दरअसल करुणानिधि की समाधि के डीएमके ने मरीना बीच पर जगह मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील की. उनकी याचिका पर हाईकोर्ट में सुबह आठ बजे से ही सुनवाई जारी है, जहां दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें रख रहे हैं. सरकारी वकील ने जहां प्रोटोकॉल और इतिहास का हवाला दिया, वहीं डीएमके के वकीलों ने इसे लोगों की भावनाओं के जोड़कर पेश किया.बता दें कि 94 वर्षीय करुणानिधि का मंगलवार शाम को निधन हो गया था. उनका पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में रखा गया. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. वहीं तमिलनाडु सरकार ने उनके निधन पर सात दिन, जबकि कर्नाटक सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
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