प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खुलकर बात की है. मोदी ने कहा है कि वह कोई शहंशाह या दंभी शासक नहीं हैं, जो लोगों की गर्मजोशी से अप्रभावित रहे. उन्होंने कहा कि लोगों के साथ संवाद करने से उन्हें ताकत मिलती है.’स्वराज्य’ मैगजीन को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने ये बातें कही. पीएम रोड शो के दौरान अपनी निजी सुरक्षा के बारे में शुभचिंतकों के मन में उठते आशंकाओं से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे.मोदी ने कहा,”2014 के बाद लगातार पूरे देश में हमें जनता का आशीर्वाद मिला है. एक के बाद एक राज्यों के चुनाव में हमें मिले जनादेश ऐतिहासिक रहे. ऐसे में हम आश्वस्त हैं कि जनता दोबारा हम पर अपना भरोसा जताएगी.”महागठबंधन के सवाल पर मोदी ने कहा,”आज के दौर के महागठबंधन की तुलना 1977 और 1989 से करना ठीक नहीं है. 1977 में गठबंधन का मकसद लोकतंत्र की रक्षा करना था, जो कि आपातकाल के दौर में संकट में पड़ गई थी. 1989 में बोफोर्स के रिकॉर्ड तोड़ घोटाले ने पूरे देश को आहत किया था. आज के इन गठबंधनों का मकसद राष्ट्रहित नहीं, बल्कि सत्ता की राजनीति और निजी हित है। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है, सिवाय मुझे हटाने के.”पीएम मोदी ने कहा, ”देश में महागठबंधन जैसा कुछ नहीं है. सिर्फ प्रधानमंत्री बनने की होड़ लगी है. राहुल गांधी कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री बनने को तैयार हैं. लेकिन, ममता बनर्जी उनसे राजी नहीं हैं. ममताजी प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं, लेकिन उनसे लेफ्ट को दिक्कत है. समाजवादी पार्टी को लगता है कि किसी और नेता से ज्यादा उनके नेता प्रधानमंत्री पद के हकदार हैं.”मोदी ने कहा कि विपक्ष का पूरा ध्यान पावर पॉलिटिक्स पर केंद्रित है. यह जनता की तरक्की के लिए नहीं है. मोदी के प्रति नफरत ही वह इकलौता कारण है, जिसने विपक्ष को एकजुट रखा है.
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