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Sunday, March 23, 2025 11:07:40 PM

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जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ बढ़ाया, अलग-अलग दर रखना है तो GST को RSS टैक्स कहिए: चिदंबरम

जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ बढ़ाया, अलग-अलग दर रखना है तो GST को RSS टैक्स कहिए: चिदंबरम

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के एक साल पूरा होने पर जहां केंद्र की मोदी सरकार जश्न मना रही है वहीं कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज पेट्रोलियम पदार्थ और इलेक्ट्रिसिटी को जीएसटी के दायरे में रखने की मांग करते हुए कहा कि अगर अलग-अलग दर रखना है तो GST को RSS टैक्स कहिए. उन्होंने कहा कि जीएसटी के 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म किया जाना चाहिए. फिलहाल जीएसटी में 0, 3, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत का स्लैब है.चिदंबरम ने कहा, ”जीएसटी की रूपरेखा, ढांचा, दर और अनुपालन में इतनी खामियां है कि आम लोगों के बीच में यह एक अपशब्द बन गया है.” उन्होंने कहा कि व्यापक तौर पर यह महसूस किया जाता है कि जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि 2006 में UPA ने बीजेपी का आइडिया दिया था. 5 सालों तक बीजेपी ने इसका विरोध किया. अब BJP ने इस अहम कदम को गलत तरीके से लागू किया. इस कारण व्यापारियों के बीच जीएसटी का खौफ बन गया है. साथ ही चिदंबरम ने GSTR 2, GSTR 3 लागू नहीं किये जाने पर भी सवाल उठाए.उन्होंने दावा किया कि जीएसटी और नोटबंदी के लागू किये जाने के बाद लाखों लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी. केवल तमिलनाडु में 50 हजार छोटे उद्योग बंद हुए हैं, जिससे पांच लाख नौकरियां गई. पूर्व वित्त मंत्री ने मोदी सरकार को कई सुझाव भी दिये-
1. GST की एक दर हो जो 18 प्रतिशत से ज्यादा ना हो.2. GSTR 2, 3 जल्द नोटिफाई किया जाए.3. एक तिमाही में एक ही रिटर्न भरने की जरूरत हो.4. रिफंड की प्रक्रिया सरल और तुरंत हो.5. पेट्रोलियम पदार्थ और इलेक्ट्रिसिटी को GST के तहत लाया जाए.6. एन्टी प्रोफिटीयरिंग ऑथोरिटी को खत्म किया जाए.7. GST में संशोधन को लेकर तमाम सुझावों पर विपक्षी दलों से बात की जाए और आगामी मानसून सत्र में पास किया जाए.

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