रिपोर्ट : डी. पी. श्रीवास्तव
बहराइच। तू डाल डाल मैं पात पात की तर्ज पर देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ गब्बर के प्रकरण में चल रहे उठापटक के बीच एक बार फिर दो मामलों में गब्बर की जमानत याचिका को गत दिनों सक्षम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया। जबकि न्यायालय में प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में जहां सुधा मातन हेलिया के प्रस्तुत दस्तावेजों को झुठलाने का प्रयास किया जा रहा है वही अपने बयान पर अडिग श्रीमती सुधा मातन हेलिया द्वारा विपक्ष के प्रस्तुत आंकड़ों को लगातार पटकर्नी दिए जाने और गब्बर पर लगातार बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए फिर उसकी जमानत अर्जी को सक्षम न्यायालय द्वारा गत दिनों खारिज कर दिया गया है।यही नहीं अब तो ग्राम बघैया बेलखरा, थाना पयागपुर, जनपद बहराइच निवासी धनंजय सिंह पुत्र स्वर्गीय रामदेव सिंह द्वारा भी तमाम उच्च अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री व चुनाव आयुक्त को भेजे गए शिकायती पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि बहराइच में हुए विगत जिला पंचायत चुनाव में वार्ड नंबर 42 से वह रनर प्रत्याशी रहा है।
लेकिन चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के द्वारा निर्धारित प्रपत्त्रों के अंतर्गत देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर सिंह पुत्र स्वर्गीय रामफल सिंह, निवासी ग्राम मोहनापुर माफी,थाना पयागपुर बहराइच द्वारा दाखिल शपथ पत्र में अपने कई आपराधिक इतिहासो का विलोपन कर फर्जी शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। जो कि नियमों के विपरीत है।श्री सिंह द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि अपराध संख्या 330/1999 धारा 395, 397,412, आईपीसी एमपी एमएलए कोर्ट इलाहाबाद तारीख पेशी 11.10. 2022 व अपराध संख्या 96/1995 धारा 392 आईपीसी थाना गाजीपुर लखनऊ का विलोपन किया गया।धनंजय सिंह का यह भी आरोप था कि देवेंद्र सिंह गिरोहबंद जैसे गंभीर व अन्य अपराधों को लेकर वर्तमान में बहराइच जिला कारागार में बंद है। उनका कहना है कि चूंकि प्रत्याशी उपरोक्त द्वारा स्वयं के नामांकन आवेदन में असत्य तथ्यों का उल्लेख करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को बाधित करते हुए स्वयं को निर्वाचित करवाया गया जो कि आपराधिक कृत्य के साथ-साथ इनका निर्वाचन निरस्त किए जाने के योग्य है।
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