Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Tuesday, March 18, 2025 12:55:41 PM

वीडियो देखें

डीएम ने पराली कृषक जागरूकता वैन व रैली को किया रवाना पराली जलाने पर देना होगा अर्थदण्ड

डीएम ने पराली कृषक जागरूकता वैन व रैली को किया रवाना  पराली जलाने पर देना होगा अर्थदण्ड

 

बहराइच 22 सितम्बर। जनपद में पराली व फसल अवशेषों को खेतों में जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश तथा पराली सहित सभी प्रकार के फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन हेतु आमजन व कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन इन सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजनान्तर्गत जनपद की समस्त तहसीलों में व्यापक प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत जिलाधिकारी मोनिका रानी ने उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, भूमि संरक्षण अधिकारी सौरभ वर्मा, जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर उदय शंकर सिंह के साथ सांवरिया रिसार्ट लखनऊ रोड बहराइच से तीन पराली प्रचार वैन तथा 175 मोटर साइकिलों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। ये पराली वैन गांव-गांव में जाकर तीन दिनों तक कृषकों में पराली प्रबन्धन, बायोडी कम्पोजर का उपयोग कर कम्पोस्ट बनाना तथा अधिक पराली होने पर उसका विपुल इन्ड्रस्टी को विक्रय अथवा बेलर से बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाने के तरीके बताएंगें।

रैली को सम्बोधित करते हुए डीएम ने रैली में सम्मिलित कृषि विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आहवान किया कि गांव-गांव जाकर किसानों को खेतों में फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक करें। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाय कि पराली व फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन से भूमि की उर्वरा शक्ति में इज़ाफा किया जा सकता है। इनसीटू यंत्रों के उपयोग से खेतों में मिलाकर कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है अथवा अवशेष पराली को आस-पास की गौशाला को दान किया जा सकता तथा बेलर मशीनों की मदद से पराली का गट्ठर तैयार कर विपुल इन्डस्ट्री को बेच कर अतिरिक्त आय भी अर्जित की जा सकती है।

डीएम ने विभागीय अधिकारियों एव कर्मचारियों को निर्देश दिया कि किसानों को बताया जाय कि पराली जलाना स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए हानिकारक है। किसानों को बायो-डी कम्पोज़र की मदद से खाद बनाने के तरीको को बताया जाय। किसानों को बताया जाय कि पराली/फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति तथा लाभदायक जीवाणु नष्ट हो जाते है तथा आस-पास आग लगने की संभावना बनी रहती है, जिससे जन एवं धन की अपार क्षति होती है। किसानों को इस बात की भी जानकारी दी जाय कि पराली जलाना दण्डनीय अपराध है इसके लिए कृषकों से रक्बा के अनुसार 02 हे. तक रू. 2500, 02 से 05 हे. तक रू. 5000, तथा 05 से हे. के लिए रू. 15000 अर्थदण्ड की वसूली भी की जा सकती है।

डीएम ने किसानों से अपील की कि पराली/फसल अवशेषों को जलाये नहीं वरन उसे इन सीटू यन्त्रों (मल्चर, रोटावेटर, रिवर्सेबल एम.वी. प्लाऊ) आदि से जुताई कर खेतों में मिलाकर कम्पोस्ट बना लें, इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी तथा फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा। डीएम ने किसानों को सुझाव दिया कि खेती के साथ-साथ फसल अवशेष व पराली प्रबन्धन में वैज्ञानिक विधि व अत्याधुनिक कृषि यन्त्रों का प्रयोग कर अपनी आय में इज़ाफे के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर पृथ्वी के वातावरण को जीवन योग्य बनाये रखने में मदद करें। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राविधिक सहायक गु्रप ‘ए’ पंकज, अरविन्द कुमार, राम प्रकाश मौर्या, कुलदीप वर्मा, सुधाकर शुक्ला, सतीश कुमार जायसवाल, रविराज शर्मा आदि कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *