चिन्हित कर बताइए कार्यवाही की जाएगी: सीएमओ
जांच करने पर एनआरएचएम से भी बड़े घोटाले का हो सकता है पर्दाफाश
रिपोर्ट : डी. पी.श्रीवास्तव
बहराइच। गत दिनों मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियों व विस्तार को लेकर स्वयं कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वार्तालाप की गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों के सवालों का दौर भी जारी रहा।जिसमें कुछ सवालों से बचने की भी कोशिश करते हुवे मीडिया कर्मियों के कई सवालों का जवाब भी दिया गया।एक सवाल के जवाब में प्राचार्य द्वारा बताया गया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से बहराइच मेडिकल कॉलेज को आधुनिक बनाने के लिए हर संभव मदद की जा रही है।जिसमें से एक आयुष्मान भी है जिससे हम लोग मरीजों को हर प्रकार की सेवा उपलब्ध करवाते हैं।जो कि बिल्कुल फ्री होता है।प्राचार्य द्वारा बताया गया कि आयुष्मान के अंतर्गत पिछले दो माह में लगभग 13,000 से ऊपर रजिस्ट्रेशन हुए हैं।जिसमें से लगभग छह साढ़े छह हजार मरीजों को लाभान्वित भी किया जा चुका है। सिटी स्कैन,एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध हो रही है। पेड बेड भी फ्री हो चुका है।डायलिसिस की सुविधा हो जाने से एक दिन में 8_9 मरीजों को एक साथ देखा जा सकता है।मेजर ऑपरेशन के साथ-साथ सर्जरी के भी केस किए गए हैं।नए वेरिएंट कोविड के बारे में बताया कि यह बहुत खतरनाक नहीं है इसके लिए हमारे यहां पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध है।जब हमारे जिला प्रभारी द्वारा उनसे यह पूछा गया कि आपका कहना है कि जिले भर में जो भी फर्जी मेडिकल स्टोर नर्सिंग होम पाली क्लीनिक आदि हैं उसे हम नहीं रोक सकते,आखिर क्यों? तो प्राचार्य द्वारा साफ-साफ कहा गया कि यह काम सीएमओ का है उनका उत्तरदायित्व है कि वह उक्त के खिलाफ योजना बद्ध तरीके से कार्रवाई करें।यदि उन्हें पुलिस आदि की कोई दिक्कत आ रही है तो वे जिला अधिकारी के सहयोग से अपनी कार्यवाही कर सकते हैं।लेकिन यहां तो हाल यह है कि सीएमओ के सिर पर ही अवैध तरीके से सारे कार्य को अंजाम दिया जा रहा है,और वह आंख पर मोटा चश्मा ओढ़ेने की भूमिका में दर्शक दीर्घा में बैठे नजर आ रहे हैं।यह तो भला हो स्वास्थ्य मंत्री व जिलाधिकारी का जिनके द्वारा कभी-कभी मेडिकल परिसर का दौरा कर लिया जाता है।बावजूद उक्त मामले में जमीनी स्तर पर जो सबक पूर्व जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव द्वारा सिखाया गया था,जिसमें कई सरकारी डॉक्टर, मेडिकल कर्मी अपना-अपना स्थान छोड़कर भाग खड़े हुए थे।उसकी पुनरावृत्त आज तक किसी दूसरे अधिकारी द्वारा देखने को नहीं मिली।हर तरफ से गरीब व सामान्य लोगों को लूटने का काम किया जा रहा है। इलाज के नाम पर हर तरफ मारामारी मची हुई है। केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के अथक प्रयास के बाद भी आम लोगों को उक्त लाभ से वंचित होते देखा जा सकता है।और तो और स्वास्थ्य मंत्री व जिलाधिकारी का भय भी जिम्मेदारों के अंदर नहीं देखा जा रहा है।मानो अपनी अपनी जिम्मेदारियों को भूलकर बाहरी साज सज्जा की छाया में सरकारी कोरम करने को लेकर पर्दा डालने का काम किया जा रहा हो।जबकि सीएमओ बात करने पर बताते हैं कि जो भी फर्जी नर्सिंग होम पाली क्लीनिक आदि है उन्हें चिन्हित कर बताइए तो उसे पर कार्रवाई की जाएगी।
मानो पत्रकारों का काम पत्रकारिता छोड़ अधिकारियों की मुखबरी करना शेष रह गया हो। नवनियुक्त ड्रग इंस्पेक्टर का हाल तो यह है कि मानो विभाग को लूट का अड्डा बना दिया हो।सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि मेडिकल लाइसेंस के नाम पर इनके चहेते एजेंटों द्वारा मोटी रकम वसूली जा रही है।शायद यही कारण है कि जनपद में कुकुरमुत्ते की तरह मेडिकल स्टोरों की भी बाढ़ आ गई है।ऐसे में जनपद श्रावस्ती का भी चार्ज इन्हें मिल जाना क्या उचित है?मालूम हो कि यह वही जनपद है जहां न सिर्फ एनआरएचएम के अंतर्गत एक ऐतिहासिक घोटाला की सौगात जिम्मेदारों द्वारा दी गई थी,बल्कि मेडिकल कॉलेज में हुवे करोड़ों के घोटाले का ताज भी इसी जनपद को प्राप्त हुआ है।यही नहीं बल्कि यहां ऐसे अशिक्षित ओनर भी हैं जिनके पास बीयूएमएस की डिग्री भी नहीं है फिर भी लाइसेंस धारी बन पूरे जनपद में कुकुरमुत्ता की तरह पनपते नर्सिंग होम पाली क्लीनिक आदि के नाम पर खुलेआम सीएमओ की नाक के नीचे फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।जिनके डिग्री का वास्तविक उल्लेख भी बाहरी पटल पर नहीं देखा जा रहा है lफिलहाल मामला जो भी हो लेकिन जनता की आवाज साफ बयां कर रही है कि जिले में स्वास्थ्य को लेकर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।यदि ऐसे हालातों में एक बार फिर जनपद को सीबीआई की मदद मिल जाए तो सरकारी कोरम व धरातल स्तर पर एनआरएचएम से भी बड़ा फर्जी बाड़ा देखने को मिल सकता है।
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