किशनलाल वर्मा आदित्य रत्न और योगेश यथार्थ आदित्य प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित
साहित्यकार सम्मान समारोह में पुस्तकों का हुआ विमोचन
कोटा। कोटा के बूढ़ादीत स्थित सूर्य मंदिर परिसर में मायड़ भाषा साहित्य सिरजन मंच, राष्ट्रीय समरस रचनाकार मंच एवं श्री सूर्यदेव सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में नववर्ष स्नेह मिलन, पुस्तक विमोचन, सम्मान समारोह का भव्य आयोजन हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों की सरस्वती पूजा व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मधुर गीतकार लोकेश मृदुल ने सुमधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथि साहित्यकारों को माल्यार्पण करने के बाद सीएल सांखला ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। तत्पश्चात कवि आरसी आदित्य की दो कृतियों अक्षर अलख व आदित्य आलोक का विमोचन मंचासीन वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा किया गया। साथ ही प्रतिष्ठित कवि मुकुट मणिराज की हाड़ौती की व्यावसायिक शब्दावली का भी विमोचन हुआ। कवि देवकी दर्पण ने आरसी आदित्य का परिचय दिया। कवि आरसी आदित्य ने अपने रचनाकर्म के बारे में बताया और सस्वर छंद प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि रचनाकारों को जातिवाद, भाषावाद व क्षेत्रवाद से ऊपर उठ कर एकता व अखंडता की बात करना चाहिए। संत प्रभाकर ने रचनाकार के दायित्वों के बारे में बताया। दुर्व्यसनों से मुक्त रहने की बात कही। मुख्य वक्ता कवि मुकुट मणिराज ने आरसी आदित्य की कृति अक्षर अलख पर प्रकाश डाला और छंदों के प्रकार बताए। वरिष्ठ साहित्यकार अरविंद पाठक ने आदित्य आलोक पर बोलते हुए सूर्य की महिमा के बारे में बताया। मुख्य अतिथि गर्वनमेंट कॉलेज हिंडोली के प्राचार्य प्रोफेसर रमेशचंद्र मीणा ने सामाजिक कुरीतियों व विसंगतियों के निवारण के लिए रचनाकार की सजगता के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि हम कवि, लेखक, साहित्यकारों को चाहिए कि वे सामाजिक विद्रूपताओं को प्रकाश में लाने के साथ उनके निराकरण का उपाय भी सुझाएं। पर्यावरण
प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग जैसी वैश्विक समस्याओं पर लेखन के माध्यम से जन चेतना का निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए।
इन साहित्यकारों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम के अगले भाग में हाड़ौती के महाकवि किशनलाल वर्मा को राष्ट्रीय समरस रचनाकार प्रगति मंच द्वारा की ओर से आदित्य रत्न सम्मान से नवाजा गया। हाड़ौती के उभरते प्रभावी लेखक योगेश यथार्थ को धापूबाई-नैनाराम मीणा की स्मृति में योगेश यथार्थ को आदित्य प्रतिभा पुरस्कार मय नकद राशि इक्कावन सौ रूपए प्रदान किया गया। दोनों साहित्यकारों को शाल व सम्मान पत्र प्रदान किए। सम्मान पत्रों का वाचन अरविंद अंगार व देवकी दर्पण ने किया।
इन कवियों ने किया काव्य पाठ
दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें दीनबंधु मीणा, मुकेश कुमार शर्मा, लक्ष्मण मीणा, रामस्वरूप रावत, परमानन्द गोस्वामी, महावीर प्रसाद मालव, मुकुट बिहारी मीणा, महाराम सांवरिया,
महावीर रेनवाल, मुकुट बिहारी यादव, अरविंद अंगार, देवकी दर्पण, मनोज सोनी, पुष्कर चौधरी, आदित्य मीणा आदि कवियों ने काव्य पाठ संघ अध्यक्ष अतिथियों में सरपंच भैरूलाल सुमन, कृपाशंकर मीणा, चेतराम मीणा, हरिराम गुर्जर, जगदीश भारती, रमेशचन्द्र शर्मा आदि थे। अंत में आरसी आदित्य एवं सीएल सांखला ने सभी संभागियों का आभार प्रकट किया।
इन्होंने भी अपने विचार किए व्यक्त
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जयसिंह आशावत, वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र नेह, अकादमी प्रतिनिधि चंदालाल चकवाला, हरिराम गुर्जर, डॉ. नंदकिशोर महावर, जगदीश भारती आदि साहित्यकारों ने भी अपने विचार प्रकट किए। अध्यक्ष महावीर प्रसाद मीणा ने सभी संभागियों का आभार व्यक्त करते हुए श्री सूर्यदेव सेवा समिति के कार्यों, पौधारोपण आदि के बारे में बताया। संचालन रामनारायण मीणा हलधर ने किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में पं. लोकनारायण शर्मा, जगदीश निराला, नंदसिंह पंवार, रवीन्द्र बीकावत, चौथमल प्रजापति, सुरेश वैष्णव, नंदू राजस्थानी, लक्ष्मण मीणा, हरप्रीत हाड़ा, जगन्नाथ मेहरा, दुष्यंत, कार्तिक सहित कई संभागीय रचनाकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित थे। महिला श्रोताओं की संख्या भी अच्छी रही।
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