कोटा में जेईई के मेन एग्जाम से पहले कोचिंग छात्रा ने कर ली आत्महत्या
पिछले साल 26-27 कोचिंग स्टूडेंट्स ने दी थी जान
कोटा। कोटा में सोमवार को एक कोचिंग छात्रा ने 30 जनवरी को होने वाले जेईई मेन एग्जाम से पहले फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है- मम्मी-पापा सॉरी, आई एम लूजर, मैं जेईई नहीं कर पाई, इसलिए मैं सुसाइड कर रही हूं। यही लास्ट ऑप्शन है।
जानकारी के अनुसार कोटा के बोरखेड़ा में 120 फीट रोड पर रहने वाले विजय सिंह की बेटी निहारिका (18) ने एग्जाम के तनाव में आत्महत्या कर ली। परिजन छात्रा को फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तीन बहनों में सबसे बड़ी थी छात्रा
चचेरे भाई विक्रम ने बताया कि तीन बहनों में निहारिका सबसे बड़ी थी। उसके पिता विजय बैंक में गनमैन हैं। सोमवार सुबह विजय ड्यूटी पर चले गए। निहारिका दूसरी मंजिल पर अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी। परिवार के अन्य सदस्य नीचे थे।
सुबह करीब 10 बजे दादी ने रूम का दरवाजा खटखटाया। निहारिका ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर दादी ने चिल्लाकर सबको आवाज दी। मौके पर जाकर देखा तो निहारिका दरवाजे के ऊपर बने रोशनदान से फंदे पर लटकी हुई थी।
विक्रम ने बताया कि निहारिका पढ़ने में अच्छी थी। पिछले साल 12वीं में उसके कम नम्बर आए थे। इसलिए वह दोबारा 12 वीं कर रही थी। साथ में JEE की भी तैयारी कर रही थी। 30 जनवरी को उसका JEE मेन का एग्जाम था। एग्जाम को लेकर वो काफी तनाव में थी। रोज 6-7 घंटे पढ़ती थी।
एक सप्ताह में दूसरा सुसाइड
कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड की एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। इससे पहले NEET की तैयारी कर रहे उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाले स्टूडेंट मोहमद जैद ने 23 जनवरी को सुसाइड कर लिया था। कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके में वह एक हॉस्टल में रहता था। उसने हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा लगा लिया था। 24 जनवरी को घटना का पता चला था। साल 2024 में जनवरी गुजरते-गुजरते स्टूडेंट सुसाइड की ये दूसरी घटना है।
पिछले साल हुए थे सुसाइड के 26-27 मामले
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार साल 2023 में 26 कोचिंग स्टूडेंट्स ने खुदकुशी की थी। एक मामले में क्लियर नहीं हो पाया कि यह आत्महत्या है या संदिग्ध मौत।
कमेटी ने दिए थे सुझाव लेकिन नहीं हुआ अमल
कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को लेकर राजस्थान सरकार ने 20 अक्टूबर 2023 को एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्टूडेंट्स के सुसाइड करने के कई प्रमुख कारण बताए थे। कमेटी ने आत्महत्या को लेकर कुछ सुझाव भी दिए थे। लेकिन उन पर कभी अमल नहीं किया गया।
कमेटी ने ये बताए थे आत्महत्या के कारण
1-कॉम्पिटीटिव एग्जाम में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और अच्छी रैंक लाने का प्रेशर।
2- कोचिंग के प्रैक्टिस टेस्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने से होने वाली निराशा।
3- बच्चों की योग्यता, रुचि और क्षमता से ज्यादा पढ़ाई का बोझ और पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रेशर।
4- टीनएज में होने वाले मानसिक और शारीरिक बदलाव, परिवार से दूर रहना, काउंसिलिंग और सपोर्ट सिस्टम का अभाव।
5- बार-बार होने वाले असेसमेंट टेस्ट और रिजल्ट की चिंता, कम स्कोर करने पर डांट या टिप्पणी सुनना, रिजल्ट के आधार पर बैच बदलने का डर।
6- कोचिंग इंस्टीट्यूट का टाइट शेड्यूल, को-करिकुलर एक्टिविटीज न होना और छुट्टियां न मिलना।
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