एसकेएम के देशव्यापी आह्नान के तहत किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
कोटा। संयुक्त किसान मोर्चे के देशव्यापी आह्नान के तहत सोमवार को कोटा के किसान संगठनों के घटकों ने संयुक्त रूप से कोटा जयपुर हाइवे के नांता-बड़गांव में ट्रैक्टर खड़े कर केंद्र सरकार द्वारा पिछले आंदोलन के दौरान किसान संगठनों के साथ किए गए समझौते से मुकर जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
संयुक्त किसान मोर्चा कोटा के प्रवक्ता विजय सिंह राघव ने बताया कि विरोध प्रदर्शन वरिष्ठ किसान नेता एवं अखिल भारतीय किसान सभा कोटा के जिला उपाध्यक्ष नंदलाल धाकड़ के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन स्थल पर हाड़ौती के वरिष्ठ किसान नेता नंदकिशोर शर्मा की अध्यक्षता में किसानों की सभा भी आयोजित की गई। जिसको किसान नेता हंसराज चौधरी, अब्दुल हमीद गौड़, विजय सिंह राघव, नंदलाल धाकड़, गजेंद्र धाकड़, अशोक पांचाल, इम्तियाज हुसैन, भंवरलाल सैनी, बाबूलाल मीणा, सुखलाल मेघवाल, रामभरोस, सत्येंद्र सिंह, कल्याण मीणा, हरिकिशन सैनी एवं नंदकिशोर शर्मा ने संबोधित किया।
सरकार से नहीं कर रहे नई मांग
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार से हम कोई नई मांग नहीं कर रहे। पिछले आंदोलन के दौरान तीनों कृषि कानूनों की तत्काल वापसी के साथ स्वामीनाथन किसान आयोग की सिफारिशों के अनुरूप खेती की संपूर्ण लागत (C2+50%) न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए गारंटी कानून बनाया जाए, विद्युत अधिनियम विधेयक 2020-2021 को वापस लिया जाए,
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021 में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाएं, आंदोलन के दौरान अनेक राज्यों में हजारों किसानों के खिलाफ दर्ज केसों को तत्काल वापस लिया, लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के सूत्रधार ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी सहित सभी दोषियों को सजा दी जाए, आंदोलन के दौरान शहीद हुए करीब 700 से अधिक किसानों के परिवारों को मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए, शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर जमीन दी जाए, किसानों को पेंशन और मनरेगा में वर्ष में दो सौ दिन रोजगार की गारंटी दिए जाने आदि की मांगे शामिल थीं। किसान नेताओं ने कहा कि उनकी उचित मांगों को स्वीकार कर कानूनी गारंटी देने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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