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Wednesday, February 12, 2025 8:34:33 PM

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प्रसिद्ध कवि नन्द चतुर्वेदी के शताब्दी वर्ष पर व्याख्यान-माला एवं साहित्य-विमर्श कार्यक्रम संपन्न

प्रसिद्ध कवि नन्द चतुर्वेदी के शताब्दी वर्ष पर व्याख्यान-माला एवं साहित्य-विमर्श कार्यक्रम संपन्न

 

सामाजिक प्रतिबद्धता के कवि नन्द चतुर्वेदी

राजसमन्द, राजस्थान साहित्यकार परिषद् कांकरोली द्वारा प्रसिद्ध कवि नन्द चतुर्वेदी के शताब्दी वर्ष पर व्याख्यान-माला एवं साहित्य-विमर्श कार्यक्रम जिला मुख्यालय पर वरिष्ठ साहित्यकार क़मर मेवाड़ी के मुख्य आतिथ्य और गीतकार त्रिलोकी मोहन पुरोहित की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वल कर एवं वाग्देवी सरस्वती के साथ नन्द चतुर्वेदी की छवि को माल्यार्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। ईश वंदना प्रमोद सनाढ्य ने की एवं अफजल खाँ अफजल ने स्वागत करते हुए नन्द चतुर्वेदी पर अपने विचार रखे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित उदयपुर से आए हुए डॉ अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि नन्द चतुर्वेदी का राजसमंद से गहरा नाता रहा है। प्रो मंजु चतुर्वेदी, उदयपुर ने कहा कि नन्द चतुर्वेदी ने कभी किसी पर अपने विचार नहीं थोपे। उनके साथ रहने वाले को चलन, कलन और मनन में हमेशा ही स्वतन्त्रता मिलती रही। मुख्य अतिथि क़मर मेवाड़ी ने नन्द बाबू के साथ अपने संस्मरण सुनाए और कहा कि नन्द चतुर्वेदी राजस्थान के ही नहीं अपितु, देश के बड़े समाजवादी साहित्यकार थे। वे तर्क के साथ बात रखने वाले और समाज के मजबूत पक्षधर थे। मुख्य आलेख का वाचन करते हुए त्रिलोकी मोहन पुरोहित ने कहा कि नन्द बाबू ने अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन के विविध पक्षों, और उसके विषयों का उजागरण किया है, उनकी कविताएँ व्यक्ति का दृष्टि विकास करती हैं और समाज को विसंगतियों के विरुद्ध संघर्ष करने के लिए तैयार करती है। वे आम आदमी को रोशनी और उजाले का अधिकारी मानते थे। वे सामाजिक प्रतिबद्धता के कवि रहे हैं और अपनी कविताओं से जन-जागरण करते रहे। डॉ नरेंद्र शर्मा ‘निर्मल’ ने कहा कि नन्द चतुर्वेदी ने राजनैतिक और सामाजिक विषयों पर खूब लिखा। वे सशक्त हस्ताक्षर थे और साहित्य के लिए समर्पित रहे। साहित्यकार धीरेन्द्र सनाढ्य, सतीश आचार्य, सूर्यप्रकाश दीक्षित, राधेश्याम सरावगी, प्रमोद सनाढ्य, अयाज मोहम्मद ‘इलियास’, अखिल नागदा, शेख अब्दुल हमीद, ईश्वर शर्मा, उदयपुर से डॉ सुयश चतुर्वेदी, सुमन चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में प्रसंग संस्थान उदयपुर की ओर से त्रिलोकी मोहन पुरोहित और क़मर मेवाड़ी का शॉल व इकलाई द्वार सम्मान किया गया। राजस्थान साहित्यकार परिषद कांकरोली द्वारा आयोजन में सम्मिलित होने वाली संस्थाएं नन्द चतुर्वेदी फाउंडेशन उदयपर, काव्य-गोष्ठी मंच कांकरोली और प्रसंग संस्थान, उदयपुर का स्मृति चिन्ह स्वरूप मानपत्र, उपरना देकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन किशन ’कबीरा’ ने किया एवं धन्यवाद वरिष्ठ कवि और चिंतक ईश्वर शर्मा ने दिया।

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