'प्रोजेक्ट उद्भव' के हिस्से के रूप में आज नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में 'भारतीय सामरिक संस्कृति के ऐतिहासिक पैटर्न' पर एक सेमीनार एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट की मुख्य अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में 'प्राचीन काल से स्वतंत्रता तक भारतीय सैन्य प्रणालियों के विकास, युद्ध और सामरिक विचारों का विकास' विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा 'उद्भव संकलन' और 'आल्हा उदल - बैलाड रेंडिशन ऑफ वेस्टर्न उत्तर प्रदेश' नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने अपने संबोधन में, 'प्रोजेक्ट उद्भव' पहल के लिए भारतीय सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) की सराहना की। इस पहल का उद्देश्य देश की प्राचीन संस्कृति में अमूल्य अभिज्ञान की खोज के लिए देश के प्राचीन ग्रंथों और मौखिक परंपराओं का पता लगाना है। उन्होंने कहा कि भूराजनीतिक परिदृश्य लगातार विकसित हो रहा है, और हमारे सशस्त्र बलों के लिए अपने दृष्टिकोण में अनुकूलता और नवीनता होना अनिवार्य है। हमारे प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं की गहराई में जाकर, उद्भव जैसी परियोजनाएं न केवल सामरिक संस्कृति की हमारी समझ को समृद्ध बनाती हैं, बल्कि अपरंपरागत युद्ध रणनीतियों, राजनयिक प्रथाओं और युद्ध में नैतिक विचारों में मूल्यवान अभिज्ञान भी उपलब्ध कराती हैं। ” आगे के मार्ग पर अपने विचार साझा करते हुए श्री अजय भट्ट ने देश की रक्षा की ताकत को पहचानने के महत्व पर