सिद्धार्थनगर/बस्ती। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। आज वह शुभ घडी है। ज्योतिष के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के साथ सूर्य और चंद्रमा के उच्च भाव में है। इस संयोग में पूजाअर्चना करने से मनोकामना पूरी होगी। आचार्यों का कहना है कि कृष्ण की पूजा से विशेष फल मिलता है। इस बार के विशेष योग को पुराणों में तीन जन्मों के पापों से मुक्ति वाला बताया गया है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि को हुआ था। भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र का संयोग होना शुभ माना गया है। रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि के साथ सूर्य और चन्द्रमा ग्रह भी उच्च राशि में है।
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