बहराइच 27 जनवरी। राजकीय स्वर्ण जयन्ती पार्क/पौधशाला/मिनी एक्सीलेन्स सेन्टर, बभनी, बहराइच के प्रभारी आर.के. वर्मा के नेतृत्व में जनपद बहराइच के पॉच सदस्यीय जैविक शाकभाजी/मसाला/फल उत्पादक कृषक दल नें मा. राज्यपाल महोदया, उ.प्र. श्रीमती आनन्दीबेन पटेल से मुलाकात कर बहराइच में उद्यान विभाग द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।
प्रभारी आर.के. वर्मा ने मिनी एक्सीलेन्स सेन्टर, बभनी, बहराइच में तैयार पोमैटो के उत्पादन के सम्बन्ध में बताया कि इसमें हम आलू की पछेती प्रजाति या जिस फसल की अवधि 120 दिन हो तथा ऐसी ही टमाटर के प्रजाति का चयन किया जाता है। जिससे आलू परिपक्य होने तक टमाटर में भी फल पूरे आकर समाप्त हो जाते हैं। श्री वर्मा ने बताया कि विगत वर्ष उन्हें विभाग द्वारा अर्न्तजनपदीय प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम पर छत्तीसगड़, हरियाणा, पंजाब, हिमांचल प्रदेश भेजा गया था। जहॉ किये जा रहे वैज्ञानिकों के शोध को जनपद में विगत वर्ष ही पोमैटो पौध का उत्पादन करना प्रारम्भ कर दिया गया था। जिससे इस वर्ष पोमैटो के 2000 पौधों का उत्पादन किया गया, जिन्हें दो कृषकों के यहॉ प्रक्षेत्र परीक्षण हेतु लगवाया गया है। जिसके बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
ब्रह्मैटो पौध उत्पादन के सम्बन्ध में भी जानकारी देते हुए श्री वर्मा ने बताया कि इसमें टमाटर के साथ-साथ बैगन की अच्छी फलत होने से यह गृहवाटिका के लिए बहुत ही उपयोगी हो रहा है। विगत वर्ष छत्तीसगढ़ भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद-रायपुर के कृषकों द्वारा ग्राफ्टेड सब्जी उत्पादन करते हुए किसानोें के प्रक्षेत्र को देखकर अपने जनपद में भी तैयार कर कृषकों को उपलब्ध कराने का संकल्प लिया गया। मुख्यतः वर्तमान समय में ग्राफ्टेड सब्जी में बैगन, टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च का ही उत्पाादन कराया जा रहा है।
चॅूंकि यह सभी शाकभाजी सोलेनेसी परिवार की होती हैं तथा इसका जंगली बैंगन जिसकी प्रजाति सोलेनम ट्यूब्रकम होती है। चॅूंकि इन फसलों में उकटा रोग का प्रभाव बहुत अधिक होने के कारण इस तकनीक से तैयार किया गया पौधा उकटा रोधी होने के साथ-साथ अन्य कीट-व्याधियों के प्रति भी काफी हद तक रोधी होने से सामान्य फसलों की अपेक्षा 5 से 10 गुना उत्पादन प्राप्त होता है। जिससे जहॉं एक ओर किसानों की आय बढ़ने से रोजगार के अभाव में शहरी क्षेत्रों में हो रहे पलायन को काफी हद तक रोका जा सकता है। इस जानकारी पर राज्यपाल महोदया द्वारा काफी प्रसन्नता व्यक्त की गयी।
प्रगतिशील कृषक लालता प्रसाद गुप्ता एवं राम सेवक वर्मा द्वारा मल्टी लेयर फार्मिंग व बहुवर्षीय अरहर की खेती के सम्बन्ध में बताया गया कि विगत वर्ष उन्हें मल्टी फार्मिंग से 4 से 5 लाख रूपये छमाही की शुद्ध आय प्राप्त हुई। इस वर्ष अन्य किसानों द्वारा भी इसको अपनाया गया है। प्रगतिशील कृषक अमरेन्द्र वर्मा ने मानव वन्य जीव संघर्ष रोकने के उद्देश्य से अपनी गन्ना की फसल के साथ-साथ मिश्रित खेती के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी। श्री वर्मा ने बताया कि प्रभारी आर.के. वर्मा की प्रेरणा से मेरे द्वारा तीन मीटर दूरी पर गन्ने की फसल की बुवाई की है।
श्री वर्मा ने बताया कि उन्हें सामान्य दूरी से बोये जाने वाले गन्ने से अधिक उपज प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि जहॉ एक ओर गन्ने की दूरी बढ़ाये जाने से जंगली जानवरों के हमले का डर नहीं रहता है पहीं दूसरी ओर सामान्य दूरी पर बोये गये गन्ने की अपेक्षा प्रति हे. अधिक आय प्राप्त होती है। प्रगतिशील कृषक अवधराम गिरि व जगन्नाथ मौर्य ने अपनी जैविक खेती के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। मा. राज्यपाल द्वारा कृषकों के खेती के तौर तरीकों को गम्भीरतापूर्वक सुनते हुए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वस्त किया वे शीघ्र ही जनपद का भ्रमण करेंगी। मा. राज्यपाल से भंेटवाता के दौरान कृषक दल ने अपने जैविक उत्पादों मा. राज्यपाल को भेंट किये गये।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






