बहराइच 21 फरवरी। जनपद में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिये सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित प्रबन्धन समय से किया जाना नितान्त आवश्यक है। क्योंकि बौर निकलने से लेकर फल लगने तक की अवस्था अत्यन्त ही संवेदनशील होती है। वर्तमान में बागवानों को मुख्य रूप से भुनगा कीट एवं जाला कीट से पौधों को क्षति पहुॅचने की सम्भावना रहती है। आम के बागों में भुनगा कीट (मैंगो हॉपर) कोमल पत्तियों एवं छोटे फालें के रस चूसकर हानि पहॅुचाते हैं। प्रभावित भाग सूखकर गिर जाता है साथ ही यह कीट मधु की तरह चिपचिपा पदार्थ भी विर्सजित करता है, जिससे पत्तियों पर काले रंग की फफूॅद (सूटी मोल्ड) जम जाती है, फलस्वरूप पत्तियों द्वारा हो रही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मंद पड़ जाती है।
इस प्रकार आम के बौर में लगने वाले मिज कीट मंजरियों एवं तुरन्त बने फलों तथा बाद में मुलायम कोपलों में अण्डे देती हैं, जिसकी सूॅडी अन्दर ही अन्दर खाकर क्षति पहॅुचाती है, प्रभावित भाग काला पड़ कर सूख जाता है। भुनगा एवं मिज कीट के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड (0.3 मि0ली0 प्रति लीटर पानी) या क्लोरोपाइरीफॉस (2.0 मिली0 प्रति ली0) अथवा डायमेथेएट (2.0 मिली0 प्रति ली0) की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इसी प्रकार खर्रा रोग के प्रकोप से ग्रसित फल एवं डंठली पर सफेद चूर्ण के समान फफूॅंद की वृद्धि दिखाई देती है। प्रभावित भाग पीले पड़ जाते हैं तथा मंजरियों सूखने लगती हैं। इस रोग से बचाव हेतु ट्राइडोमार्फ 1.00 मिली0/लीटर या डायनोकेप 1.0 मिली0ली0/ली0 पानी की दर से भुनगा कीट के नियंत्रण हेतु प्रयोग किये जा रहे घोल के साथ मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है। बगवानों को यह भी सलाह दी जाती है कि बागों में जब बौर पूर्ण रूप से खिला हो तो उस अवस्था में कम से कम रासायनिक दवाओं का छिड़काव किया जाये जिससे पर-परागण किया प्रभावित न हो सके।
इसके अतिरिक्त कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियों के लिए कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहॅुच से दूर रखना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मॅुह को मास्क व ऑखों को चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वाचा व ऑखों में न जाय। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा मंे खड़े होकर करना चाहिए। कीटनाशक के खाली पाउच/डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।
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