बहराइच 07 मार्च। जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ ने बताया कि राज भवन, लखनऊ में आयोजित प्रादेशिक पुष्प, फल शाकभाजी प्रदर्शनी में जनपद के सैकड़ों कृषकों द्वारा अपने प्रदर्शनी लगाये गये तथा प्रदर्शनी में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। पहली बार प्रदेश में किसी जनपद को प्रादेेशिक प्रदर्शनी में महामहिम राज्यपाल महोदया के हस्ताक्षर के बाद उच्चाधिकारियों द्वारा स्टाल का आवंटन किया गया था। जिस पर मिनी सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स, बहराइच में उत्पादित पोमैटो (आलू, टमाटर), ब्रह्मैटो (बैगन, आलू) तथा ग्राफ्टेड (कलमी) शाकभाजी/मसाला पौधों के सजीव प्रदर्शन लगाये गये। इसके अतिरिक्त सेन्टर पर उत्पादित शाकभाजी, मसाला की उच्च गुणवत्तायुक्त पौध का स्टाल लगाया गया। इसके अतिरिक्त स्टाल पर टैरेस गार्डेन में लगाये जाने वाला टमाटर का हैंगिंग प्लान्ट का सजीव प्रदर्शन किया गया। जिसे प्रदर्शनी में पधारें आम-जनमानस ने बहुत ही पसन्द किया गया। इसके अतिरिक्त जनपद के कृषकों द्वारा फल, शाकभाजी, मसाला के भी सजीव प्रदर्श प्रतियोंगिता हेतु लगाये गये। जिसमें जनपद बहराइच को बेर में क्रमशः 02 प्रथम, 01 द्वितीय, 01 तृतीय पुरूस्कार, केला फल में प्रथम, द्वितीय तथा केला सब्जी में प्रथम, द्वितीय, तृतीय कुल मिलाकर जनपद को 09 पुरूस्कार प्राप्त हुए।
जिसमें जनपद बहराइच के प्रगतिशील कृषक गुलाम मोहम्मद के पुत्र मो0 समीर को एप्पल कश्मीरी बेर एवं एप्पल बेर में प्रथम-प्रथम पुरूस्कार के प्रदेश में सबसे अधिक अंक होने के कारण मो0 समीर को महामहिम राज्यपाल महोदया द्वारा अपने कर कमलों से रू0 51000.00 नगद/ट्राफी तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने मो0 समीर के उज्जवल भविष्य हेतु आर्शीवाद दिया। मो0 समीर वर्तमान में अपने पिता का सहयोग करने के साथ-साथ लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक-कृषि संकाय की पढ़ाई कर रहें हैं। मो. समीर को आज विद्यालय प्रशासन द्वारा भी सम्मानित किया गया। मो. समीर के पिता जनपद के केला उत्पादन में अग्रणी कृषक हैं। इसके अलावा लालता प्रसाद गुप्ता को केला फल में प्रथम एवं श्रीमती पार्वती देवी को केला सब्जी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। विगत तीन-चार वर्षों से प्रादेशिक प्रदर्शनी में जनपद बहराइच के केले को प्रथम स्थान प्राप्त होता आया है। किसानों की मेहनत और लगन को जनपद के तमाम प्रगतिशील कृषकों ने सराहा तथा उनके द्वारा किये जा रहे औद्यानिक फसलों के उत्पादन में नवीनतम् तकनीक का अनुशरण करते हुए अन्य कृषकों द्वारा अधिक आय प्राप्त की जा रही है।
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