बहराइच 23 अप्रैल। जिले में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सम्बन्धित विभागों द्वारा की जाने वाली तैयारियों के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित ‘‘बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप’’ की बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ से सम्बन्धित अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना जल्द से जल्द उपलब्ध करा दंे जिससे संभावित बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु कार्ययोजना को अन्तिम रूप प्रदान किया जा सके।
जिले में संभावित बाढ़ की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ चौकियों, बाढ़ राहत केन्द्रों, बाढ़ शरणालयों तथा लंगर स्थलों के चयन, तहसील अन्तर्गत उपलब्ध सरकारी व गैर सरकारी नावों, मल्लाहों, गोताखोरो की उपलब्धता का जायज़ा लेकर प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाय। पुलिस विभाग को निर्देश दिया गया कि संभावित बाढ़ के दौरान कानून एवं शान्ति व्यवस्था के दृष्टिगत प्रभावी पेट्रोलिंग के साथ-साथ आपातिक स्थिति में एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी से समन्वय हेतु कार्ययोजना तैयार कर लें।
बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया कि संभावित बाढ़ के दौरान राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कारगर एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करें। बाढ़ के दौरान प्रभावित क्षेत्रों स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हेतु अधि.अभि. जलनिगम, बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों के लिए स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी, बाढ़ से पूर्व प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं का टीकाकरण तथा उपचार हेतु स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन तथा दौरान-ए-बाढ़ पशुओं के लिए चारा-भूसा की उपलब्धता हेतु मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये।
बाढ़ से पूर्व प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के उपचार एवं टीकाकरण, फागिंग, एण्टीलार्वा का छिड़काव तथा बाढ़ के दौरान तथा बाढ़ के उपरान्त संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु आवश्यक दवाओं, एण्टी स्नेकवेनम तथा अन्य लॉजिस्टिक हेतु समय से कार्ययोजना तैयार हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया। डीएम डॉ. चन्द्र ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ से पूर्व की तटबन्धों की सुरक्षा हेतु रैट होल/पाट होल को भरने, क्षतिग्रस्त तटबन्धों की मरम्मत तथा बाढ़ के दौरान मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य हेतु सामग्री की उपलब्धता तथा क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की पुनर्स्थापना हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तथा तटबन्धों की सड़कों का आंकलन कर बाढ़ से पूर्व ही आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य कराये हेतु प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर लें ताकि बाढ़ के समय राहत व बचाव कार्यों केे संचालन में किसी का विघ्न न आये। जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न की व्यवस्था, बाढ़ चौकियों पर भोजन तैयार करने तथा लंच पैकेट के वितरण सहित अन्य दैनिक वस्तुओं जैसे नमक, माचिस, मोमबत्ती व मिट्टी तेल इत्यादि की आपूर्ति हेतु समय से कार्ययोजना उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ के दौरान प्रभावित क्षेत्रों तथा बाढ़ शरणालयों इत्यादि स्थानों पर विद्युत आपूर्ति, बाढ़ के समय फसलों को कीटों से सुरक्षित रखने हेतु कृषि विभाग को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा दीक्षा प्रभावित न हो इसलिए वैकल्पिक स्थानों पर स्कूल संचालन की कार्ययोजना तैयार कर लें। बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि तहसील अन्तर्गत बड़े ग्रामों में चौपाल आयोजित करें जहॉ पर विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति भी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी मनोज, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अशोक कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस.के. सिंह, एसडीएम महसी रामदास, कैसरगंज महेश कुमार कैथल, सीवीओ डा. आर.एस. वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक डा. चन्द्रपाल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला पूर्ति अधिकारी अनन्त प्रताप सिंह, जिला पंचायत राज्य अधिकारी उमाकान्त पाण्डेय, अधिशाषी अभियन्ता ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, जल निगम सौरभ सुमन, डीसी एनआरएलएम संजय सिंह, मनरेगा के.डी. गोस्वामी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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