बहराइच 28 अप्रैल। उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी कृषि ड्रोन की गाइडलाइन में कृषि ड्रोन प्रशिक्षण, प्रदर्शन एवं अनुदान पर दिये जाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गये हैं। जिसके अनुसार सब मिशन आन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन योजनान्तर्गत कृषि में ड्रोन के उपयोग पर विशेष जोर दिया जा रहा है। ड्रोन से बड़े क्षेत्रफल में महज कुछ मिनटों में ही कीटनाशक, खाद एवं दवाओं का छिड़काव खेतों में किया जा सकता है।
डीडी एग्री श्री शाही ने बताया कि जनपद में जल्द ही इच्छुक किसानों, किसान संगठनों व समितियों आदि से आवेदन लिये जायेंगे। इस योजना में भी लाभार्थियों को ट्रैक्टर व अन्य कृषि यन्त्रों की भांति अनुदान दिया जायेगा। ड्रोन व सहायक यन्त्रों की लागत रू. 10.00 लाख होगी। एफपीओ द्वारा खरीदने पर 75 प्रतिशत, कृषि स्नातक को 50 प्रतिशत, पंजीकृत सहकारी समितियों को 40 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। एफपीओ व समितियॉ दूसरे किसानों को ड्रोन किराये पर दे सकेंगी।
डीडी एग्री ने बताया कि दी गयी व्यवस्था के तहत ड्रोन लेने के लिये चयनित ग्रामीण उद्यमी या किसान को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा-10 या उसके समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये। नागर विमानन महानिदेशालय या किसी अधिकृत दूरस्थ पायलट प्रशिक्षण संगठन से पायलट लाइसेन्स होना चाहिये। सरकार ने इसके लिये इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकादमी यानी इग्रुआ फुरसतगंज अमेठी उ.प्र. से करार किया है, जो चयनित किसानों को प्रशिक्षित भी करेगा। श्री शाही ने समस्त विभागीय कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि लक्ष्य प्राप्त होने पर अर्हता रखने वाले इच्छुक कृषक उत्पादक संगठन व पंजीकृत कृषक समितियॉ जो ड्रोन लेना चाहते हों पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पर के माध्यम से आवेदन प्रेषित करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें।
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