शाहजहांपुर, प्रशासन भले ही दावा कर रहा है कि बिना लाइसेंस के आतिशबाजी की दुकानें नहीं लगा सकेंगे, लेकिन तहसील क्षेत्रों में यह दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। दरअसल तिलहर व कलान तहसील क्षेत्र में महज एक-एक व्यापारी को ही लाइसेंस जारी किया गया है, लेकिन यहां मानकों को दरकिनार कर आतिशबाजी का बाजार कई दिन पहले ही सज जाता है। जो लोगों की जान पर भी भारी पड़ सकता है।
तिलहर क्षेत्र की यदि बात करें तो असगर अली दशकों से आतिशबाजी का कारोबार करते आ रहे हैं। उन्हें प्रशासन की ओर से लाइसेंस भी जारी किया जाता है, लेकिन क्षेत्र में बहुत सी ऐसी दुकानें हैं, जिन पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ती है। इसके अलावा कलान तहसील क्षेत्र में प्रशासन पाइप लाइन कालोनी में दुकानें लगवाने की व्यवस्था कराता है।
लेनी पड़ती है अनुमति
प्रशासन दीपावली पर तीन दिन के लिए दुकानें लगाने के लिए अनुमति देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुमति लेने वालों की संख्या भी न के बराबर रहती है। इसके बावजूद तिलहर क्षेत्र में तीन दिन में ही 20 लाख रुपये से अधिक का कारोबार हो जाता है। जबकि कलान में 15 लाख के आस-पास आतिशबाजी छुड़ाई जाती है।
फरीदपुर व दिल्ली से आती है आतिशबाजी
तिलहर में व्यापारी दिल्ली व फरीदपुर से आतिशबाजी लेकर आते हैं, जबकि कलान में बदायूं जिले से व्यापारी खरीदकर लाते है। जिन्हें ज्यादातर गांवों में बिक्री करते है।
आतिशबाजी का अवैध रूप से भंडारण करने वालों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है। नगरपालिका के मैरिज लॉन में दुकानें लगेंगी। इसके अतिरिक्त लगने वाली दुकानों को सीज किया जाएगा।
वेद सिंह चौहान, एसडीएम तिलहर
Janpad Shahjahanpur se jitendra Kumar Kashyap ki report
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