शाहजहांपुर हत्या के मुकदमे में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय प्रमोद कुमार ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन पर अर्थदंड भी लगाया गया है। कांट थाना क्षेत्र के भैंसी गांव निवासी सूरज पाल सिंह ने छह जुलाई 1991 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सूरज ने बताया था कि उसके बेटे महेश पाल को कुछ लोग पकड़ कर ले गए थे। जब उसने रिपोर्ट लिखवाई तो आरोपित महेश को थाने आकर में छोड़ गए। घटना के बाद घर पर कुछ रिश्तेदार घर पर हालचाल लेने आए तो गांव के जंडैल सिंह, सालिगराम, सुरेश पाल, राम सिंह, श्याम पाल, राजेंद्र के अलावा सुखबीर सिंह गाली गलौज करने लगे। सूरजपाल ने बताया कि उसका भाई रामबहोरन रिपोर्ट दर्ज कराने थाने जा रहा था। तभी रास्ते में बाइक फंस गई। इस बीच आरोपित तमंचा, बंदूक, कांता व लाठी लेकर वहां आ गए और राम बहोरन को मारने लगे। डर के कारण कोई मदद करने नहीं गया। वह भी वहां से भाग गया। जिसके बाद आरोपितों ने उसे भाई को मार दिया और घर जाकर के घर में जाकर आग लगा दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आठों आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए। राम सिंह, जंडैल सिंह, सालिगराम, राजेंद्र की मौत हो गई। अभियोजन की दलीलों, पेश साक्ष्य व गवाहों के बयान व सरकारी वकील विनोद कुमार शुक्ला के तर्कों से सहमत होकर अपर सत्र न्यायाधीश ने शेष अभियुक्त श्याम पाल, सुरेश पाल, सुखबीर समेत चार को आजीवन कारावास व साढ़े 12 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।
Janpad Shahjahanpur jitendra Kumar Kashyap ki report
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