उत्तर प्रदेश के आक्रोशित किसानो ने कंबाइन में s.m.s. ना लगवाने की शासन प्रशासन से की मांग
उत्तर प्रदेश के सभी किसानो ने कृषि विभाग के द्वारा कंबाइन s.m.s. को लगाने हेतु किसानो में काफी आक्रोशित हैं और कंबाइन मालिकों व किसानों का कहना है कि हमें पराली की बहुत जरूरत रहती है। क्योंकि हम अपने पशुओं को चारे के रूप में देते हैं अगर कंबाइन में s.m.s. लगता है तो कंबाइन धान की पराली को छोटा-छोटा कर खेत में बिखरा देगी जिससे सबसे बड़ी निम्न समस्या यह है कि हमारे पशु क्या खाएंगे धान से हमको पराली मिलती है और गेहूं से हमको भूषा मिलता है सरकार से हमारी सभी किसानों की अपील है कि जो पराली को जलाते हैं उनके ऊपर विधिक कार्रवाई होनी चाहिए और कंबाइन s.m.s. का जो अतिरिक्त भार है किसानों की आर्थिक अवस्था पर भी पड़ेगा वह इसलिए एकड़ की 15 सौ रुपये कटाई पहले हैं और s.m.s. लगाकर कंबाइन काटेगी धान तो उसका मूल्य प्रति एकड़ 2500 /से 3000 के बीच में होगा जिसमें किसानो को बहुत हानि हो सकती है दूसरी बात कंबाइन मालिकों को इस बात की समस्या आती है इसमें s.m.s. वाली कंबाइन जो है उपयोगी नहीं है क्योंकि s.m.s. कंबाइन में लगाने से कंबाइन के इंजन पर ओवरलोड पड़ता है और लोड पड़ने से कंबाइन का जो छानना होता है वह धीरे-चलने लग जाता है जिसके कारण कंबाइन के अंदर लांक ज्यादा होने के कारण कंबाइंड दाना छोड़ने लग जाती है और कंबाइन के स्टार वाकर जो होते हैं उस पर भी काफी लोड पड़ता है जिसमें दाना छोड़ने से किसान का फिर नुकसान है एक तरफ प्रति एकड़ पैसे देने में दूसरी तरफ पराली का और तीसरी तरफ दाने का नुकसान हुआ कंबाइन मालिकों का कहना है पंजाब में सबसे पहले s.m.s. लगने के लिए शुरुआत हुआ था जोकि पंजाब में भी सफलता नहीं मिल पाई थी। और हमारे उत्तर प्रदेश में सफलता कैसे मिल पाएगी और सभी किसानो का कहना है कि वह 16 सितंबर 2020 को जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी को किसान यूनियन की तरफ से और राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन भारत, किसान मजदूर संगठन की तरफ सेज्ञापन दिया जाएगा। किसानों की समस्या का हल नहीं हुआ तो व आंदोलन भी करेंगे।
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