उत्तर प्रदेश: कोरोना वायरस तथा लाक डाउन के कारण जो हालात मजदूरों की हुई है कल्पाना के बाहर है। हमारी सरकारों ने जो लाक डाउन के समय वादा किया था वो भी आज हमारे सामने ने है। नोट बंद तथा जी एस टी के कारण हमारे जो छोटे उद्योगों पर जो असर पडा जिससे करोड़ों मजदूरों का काम पहले से ही छीन गया था लेकिन जो कुछ सांस बचा था जिसे कोरोना वायरस ने ले ली है अब जो हालात हैं मजदूरों की किसी को बताने की जरूरत नहीं है। आज न कोई स्थानीय नेता हैं मजदूरों के साथ और न ही हमारी सरकार सरकार ने वादे तो बहुत बड़े बड़े किए लेकिन पता नहीं वादे किससे किए थे और क्यों? एसा लगता है आज हमारी सरकार को कुर्सी खरीदने से ही फुर्सत नहीं है। ये सिर्फ सरकार गिराने और बनाने में लगी हुई हैं और न तो इन्हे लोगों की फिक्र है और न ही मजदूरों की हमारी राजनीति पार्टीयों को सिर्फ इनकी याद इलेक्शन के समय आता है। आज जब इनकी हालत बद से बद्तर है तो कोई भी इनके साथ खडा हुआ नजर नहीं आ रहा है। लेकिन रोने से हालात नहीं बदलेंगे अगर हम अपनी हालात बदलना चाहते हैं तो खुद बदलना पड़ेगा हमें ही अपना हक मांगना पड़ेगा कोई लाकर नहीं देने वाला है। अगर कोरोना वायरस ने इनकी आंख खोल दी होगी तो इलेक्शन के समय ऐ लोग अपने नेताओं से सवाल पूछेंगे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






