मंडी कर्मचारिओं द्वारा दो वर्ष पूर्व २४ अक्टूबर २०१८ को मुख्यमंत्री जनता दरबार में वेतन सम्बन्धी हो रहे घोटालों के बारे शिकायत की गयी थी, जिसका निस्तारण आज तक नहीं हो सका है शिकायत जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज़ की गयी थी, जिसकी सन्दर्भ संख्या ६००००१८००७९७४८ है,शिकायत में मंडी कर्मचारिओं ने बताया की मंडी समितियों से प्रत्येक कर्मचारी के लिए १५००० हज़ार रूपए की धनराशि ली जाती है प्रदेश के प्रत्येक जिले में ६ कर्मचारी कार्यरत है, जिनका भुगतान ९०००० रूपए rtgs के माध्यम से नोडल संस्था updesco दिए जाते है, उक्त धनराशि को नोडल संस्था अपने पास दो माह तक रखती उसके बाद नोडल संस्था द्वारा कंपनी को भुगतान किया जाता था, कंपनी कर्मचारिओं के में खाते में ७६०० की धनराशि देती है, कम धनराशि मिलने के साथ ही दिवाली का बोनस और ईपीएफ भी पूरा जमा नहीं है, मुख्यमंत्री को दी गयी शिकायत नोडल updesco को ट्रांसफर की जाती है वहां से फ़ोन पर यही बताया जाता है की इसमें अपर निदेशक जीतेन्द्र प्रताप सिंह का भी हिस्सा शामिल है जो की वर्तमान में मंडी निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, किसानो को लाभ दिलाने वाली योजना इनाम में उनका महा घोटाला साबित पहले ही हो चुका था जब किसी भी किसान को उसका लाभ नहीं मिला था, सरकारी खर्चे पर मंडी निदेशक जीतेन्द्र प्रताप सिंह झाँसी में शादी समारोह में गए थे जिसे उन्होंने निरिक्षण में दिखाया है, मुख्यमंत्री को दिए गए प्राथना पत्र में सभी आउट सोर्स कर्मचारिओं ने उक्त मामले की जांच सहित न्याय दिलाने की मांग की है I
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