पीलीभीत। दो संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की सोमवार को डीएम के गार्ड द्वारा पिटाई करने से आक्रोश भड़कने का मामला मंगलवार को ढाई घंटे की समझौता वार्ता के बाद निपट गया। डीएम द्वारा पूरा मामला समझाने और स्वास्थ्य कर्मियों को अलग से तत्काल पास देने के आदेश दे दिया गया। संविदा कर्मचारी इस आश्वासन पर दोपहर बाद काम पर लौट आए कि भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को ड्यूटी पर आने-जाने से नहीं रोका जाएगा।
दो संविदा स्वास्थ्य कर्मी मोहनलाल और हसनैन अली सोमवार सुबह आठ बजे बाइक से पीलीभीत शहर से बीसलपुर सीएचसी ड्यूटी करने जा रहे थे। तभी बरखेड़ा में लॉकडाउन की व्यवस्थाएं चेक कर रहे डीएम वैभव श्रीवास्तव ने उन्हें रोक लिया था। कोरोना का संक्रमण फैलने की बात डीएम ने उन्हें समझाई और फिर कार में बैठ गए, मगर उनके गार्ड ने दोनों को डंडे से पीट दिया था। इसके बाद साथी कर्मचारी गुस्सा गए थे और घटना को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बाद एडीएम एफआर अतुल सिंह, एएसपी रोहित मिश्र और बीसलपुर के एसडीएम चंद्रभान सिंह रात से ही स्वास्थ्य कर्मचारी नेताओं से फोन पर बात कर मामला सुलटाने की कोशिशों में जुट गए थे। डीएम तो तो सोमवार रात ही उन्हें वार्ता के लिए बुलाते रहे, मगर वे नहीं गए।
मंगलवार सुबह 10 बजे संविदा कर्मी सीएमओ दफ्तर पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शन करने के बाद 10:30 बजे वहां डीएम के कैंप कार्यालय पहुंचे। यूपी फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हीरेश सरन सक्सेना के अनुसार डीएम से सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। डीएम ने बंद कमरे में हुई बातचीत में यह भी कहा कि वह प्रशासनिक अफसर हैं, इसलिए उनकी ड्यूटी है कि वह सबसे लॉकडाउन का पालन कराएं और इसी के लिए कहा था। वार्ता के दौरान दोनों संविदा कर्मी ने कहा कि वे अपनी जान खतरे में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं। फिर भी उनसे इस तरह का व्यवहार होगा तो कैसे काम कर पाएंगे। फिलहाल, अफसरों और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के बीच बातचीत सफल हो गई। डीएम के समझाने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारी काम पर लौट आए। समझौता वार्ता में यूनियन नेता हीरेश सक्सेना, शेर सिंह चौहान, हरपाल सिंह, राजेश गंगवार, देवेंद्र अस्थाना आदि मौजूद रहे।
विधायक ने मुख्यमंत्री से की शिकायत
बीसलपुर से भाजपा विधायक रामसरन वर्मा ने स्वास्थ्य कर्मियों की पिटाई के मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर की है। पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने इसे अशोभनीय बताया और कार्रवाई की मांग की। विधायक ने कहा कि स्वास्थ्य, सफाई, खाद्य विभाग, बैंक और पुलिस कर्मी पूरी मेहनत से जुटे हुए हैं, उनके साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए।
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