पीलीभीत। कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन अब तीन मई तक यानी 19 दिन और बढ़ाने की घोषणा कर दी। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देेखते हुए अधिकांश लोग पहले से ही लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे बढ़ने की आशंका भांप चुके थे। इसलिए प्रधानमंत्री ने देश को संबोधन के दौरान जैसे ही इसकी घोषणा की गई तो लोगों को बहुत ज्यादा हैरानी नहीं हुई। सभी ने लॉकडाउन देशहित में मानते हुए एकजुट होकर कोरोना से जंग जीतने का संकल्प जताया। प्रत्येक वर्ग ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन करते हुए कहा कि वह न सिर्फ नियमों का पालन करेंगे, बल्कि दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।
कोरोना वायरस का प्रकोप देश में लगातार बढ़ रहा है। पहले से ही 21 दिन के लॉकडाउन का बढ़ना तय माना जा रहा था। इसको लेकर आम जनता मन भी बना चुकी थी। यह कयास जरूर लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री की ओर से लॉकडाउन बढ़ाने पर छूट का समय शर्तों के आधार पर बढ़ाया जा सकता है। मंगलवार सुबह 10 बजते ही सभी लोग प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन सुनने के लिए टीवी सामने टकटकी लगाकर बैठ गए, कुछ ने मोबाइल फोन पर ही लाइव देखा। पीएम ने लॉकडाउन में फिलहाल कोई छूट नहीं दी, बल्कि पहले से भी अधिक सख्ती करने को कहा। पीएम के संबोधन के बाद पहले से लॉकडाउन बढ़ने का मन बना चुके लोगों को ज्यादा हैरानी-परेशानी नहीं हुई। हां पिछले दिनों ‘जान भी जरूरी-जहान भी जरूरी’ की कही गई बात को अपने-अपने तरीके से समझने वालों को कुछ देर के लिए झटका लगा।
फिलहाल अब प्रधानमंत्री की अपील पर आम लोग अब कोरोना से चल रही जंग में एकजुट होकर साथ देने का आश्वासन दे रहे हैं। गृहिणी, व्यापारी, वकील समेत तमाम संभ्रांत लोग लॉकडाउन कर कोरोना से जंग लड़ने के लिए तैयार हैं। वह सरकार के साथ खड़े दिख रहे हैं, क्योंकि इसके अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं है।
हालात को देखकर पीएम ने लिया फैसला
इन 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से नहीं बढ़ सकी। इससे निपटने का कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री का निर्णय पूरी तरह से देशहित में है। – राजीव डालडा, व्यापारी
पहले से थी इसकी उम्मीद
जिस तरह से लॉकडाउन के दौरान मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी। उससे लॉकडाउन बढ़ना तय लग रहा था। व्यापार का नुकसान एक अलग बात है, मगर देशहित के मौजूदा हालात में यही निर्णय सही है। – अतुल महातिया, व्यापारी
दूसरों से भी पालन कराना जिम्मेदारी
लॉकडाउन का पालन करना और कराना हमारी जिम्मेदारी है। सबको ये समझना होगा कि घर पर रहने से जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई हो जाएगी, मगर बाहर निकलने पर होने वाला नुकसान पूरा देश भुगतेगा। – आनंद मिश्रा, अधिवक्ता
ऐसे सफल प्रयासों से जीत होना तय
लॉकडाउन खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए है। इसका हम पालन करेंगे और परिवार के अलावा परिचितों को नियमों का पालन कराएंगे। कोरोना से चल रही जंग में सबको साथ चलना होगा। हम सब पूरी तरह से तैयार हैं। – माजिद हुसैन, शिक्षक
सब समझदारी दिखाएं, प्रशासन जिम्मेदारी निभाए
लॉकडाउन बढ़ाना देशहित में है। अभी तक उठाए गए कदमों से अच्छे संकेत मिले। आगे भी बेहतर परिणाम सामने आएंगे। सिर्फ लॉकडाउन का पालन करने की जरूरत है। प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाएं और लोग समझदारी का परिचय दें। – स्वीटी अग्रवाल, गृहिणी
पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ, जीत होकर रहेगी
सामाजिक दूरी बनाना और घरों पर रहना खुद की जिम्मेदारी है, इसे आगे भी निभाएंगे। पूरा देश इस वक्त प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है। कोरोना की इस जंग में भारत की जीत होकर रहेगी। बस नियमों का पालन करते रहिए। -रानी शुक्ला, गृहिणी
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