पीलीभीत I लापरवाही के चलते सुशीला देवी की मौत का मामला अभी ठंडा नहीं हो हुआ है कि एक बार फिर जिला अस्पताल की लापरवाही चर्चा में है। कोरोना संक्रमण की आशंका पर क्वारंटीन वार्ड में लाए गए एक ग्रामीण की हालात बिगड़ गई। सांस लेने में परेशानी होने पर उसे इलाज के लिए जब जिला अस्पताल भेजा गया तो यहां उसे भर्ती ही नहीं किया गया।
काफी देर तक ग्रामीण एंबुलेंस में बैठा रहा। इसके बाद उसे फिर वापस क्वारंटीन में ही भेजा गया। मामला संज्ञान में आने पर सीएमओ ने ग्रामीण के इलाज के लिए डाक्टर को क्वारंटीन वार्ड पुराने अस्पताल रवाना कर दिया। इसके अलावा मरीज को भर्ती न करने की सूचना शासन को दे दी गई।
पूरनपुर के जटपुरा निवासी धर्मवीर को चार दिन पहले आशंका पर क्वारंटीन में लाया गया था। यहां लाने के बाद ग्रामीण का सैंपल भेजा गया था। जांच में कोरोना का संक्रमण न होने की पुष्टि के बाद 14 दिन निगरानी में ही रहना था। सोमवार को अचानक ग्रामीण की तबियत खराब हो गई और उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी। जानकारी होने पर पहले वहां मौजूद प्रभारी डा. हरपपाल सिंह ने खुद देखा और जब सुधार न हुआ तो एंबुलेंस से जिला अस्पजाल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल में जब ग्रामीण आया तो यहां उसे भर्ती करने से साफ मना कर दिया गया। किसी ने उसकी बीमारी तक जानने की पहल नहीं की। एंबुलेंस चालक सभी से मरीज को भर्ती करने की बात कहते रहे। करीब दो घंटा तक जब मरीज को भर्ती नहीं किया तो उसे फिर क्वारंटीन में दाखिल कर दिया। चालक ने पूरे मामले की जानकारी क्वारंटीन प्रभारी को दी। उन्होंने सीएमओ को मामला बताते हुए मरीज की पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है।
किसी तरह से रात कटने के बाद मंगलवार को प्रभारी डा. हरपाल सिंह ने भी सीएमओ को पूरा मामला बताया तो उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने इलाज के लिए जिला अस्पतल में रिजर्व किए गए डा. पीके मिश्रा को बुलाकर क्वारंटीन भेजकर मरीज का इलाज करने को भेजा। इधर, पूरे मामले की रिपोर्ट सीएमओ ने अधिकारियों को भी दी है। इससे पूर्व सुशीला देवी और एक अन्य को भी जिला अस्पताल में हालत गंभीर होने के बाद भी भर्ती नहीं किया गया था।
मरीज को भर्ती न करना गंभीर मामला है जबकि इसके लिए एसीएमओ डा. पीके मिश्रा को जिला अस्पताल में रोका गया है। पहले भी ऐसे मामले सामने आए है। अब एसीएमओ को लगातार क्वारंटीन में भर्ती लोगों की देखभाल के लिए रख दिया गया है। मरीज को भर्ती न करने को लेकर रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जा रही है।
डाॅ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ
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