पीलीभीत। कोरोना से मुक्ति पाने के बाद शकीला के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पांच दिन बाद अब उनका बेटा मेराज भी इस वायरस से जंग जीतकर अमरिया कस्बे में अपने घर पहुंच गया है। उसका 22 दिन तक जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाज चला।
जिला अस्पताल के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने मां-बेटे की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद कोरोना से लड़ने में मिली सफलता पर खुशी जाहिर की। मेराज ने भी डिस्चार्ज होते वक्त हाथ जोड़कर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का दिल से आभार जताया और कहा कि उनकी वजह से ही मां और उसकी जान बची है। हालांकि डॉॅक्टरों ने मेराज को अभी भी घर पर 14 दिन तक खुद को क्वारंटीन रखने की हिदायत दी है।
20 मार्च को कस्बा अमरिया के 35 लोगों का जत्था सऊदी अरब से उमरा कर लौटा था। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने पर पहले शकीला और फिर उनके बेटे मेराज में कोरोना के लक्षण पाए गए थे। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर दोनों को जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने पर शकीला को नौ अप्रैल को डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद बेटे मेराज की भी दो रिपोर्ट लगातार निगेटिव आईं। इसके बाद सोमवार दोपहर 12 बजे डॉक्टरों ने मेराज को भी आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर दिया। उसे अब घर पर 14 दिन के लिए क्वारंटीन रहने को कहा गया है। सीएमएस डॉ.रतनपाल सिंह सुमन का कहना है कि पूूरे स्टाफ ने मेहनत की। जिसकी वजह से कोरोना से लड़ने में सफलता मिली। युवक को डिस्चार्ज कर दिया है, मगर मां-बेटे को अपने परिवार से 14 दिन तक अलग रहना होगा। घर पर ही दोनों क्वारंटीन रहेंगे। जिले में दो कोरोना के मामले सामने आने से हडकंप मच गया थाा। पर अब महज 25 दिनों में कोरोना के दोनों ही मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। मां के बाद जब बेटे मेराज ने कोरोना से जंग जीती तो डाक्टर और अन्य स्टाफ भी काफी खुश थे। मेराज के घर जाने से पहले अस्पताल की टीम कोरोना वार्ड के बाहर उसके स्वागत को खड़ी हुई और अपने भावुक शब्द कहे। बदले में मेराज ने भी किसी को निराश नहीं किया। उसने स्वरचित रचना सुना कर सभी का दिल जीत लिया। इसके बाद वह अपने घर को रवाना हो गया। सऊदी से आने के बाद अमरिया क्षेत्र की शकीला की जांच हुई तो वह कोरोना संक्रमण की जद में थी। इसके बाद जब परिवार के अन्य लोगों का चेकअप किया गया तो दूसरे दिन बेटा मेराज की भी पाजीटिव रिपोर्ट आई थी। दोनों का कोरोना वार्ड में इलाज शुरू हुआ। पहले मेराज की मां ने बीस दिनों में कोरोना काे मात दी उसके बाद अब 22 दिनों में मेराज ने भी कोरोना से जंग जीत ली।
रविवार की रात उसकी रिपोर्ट आने के बाद सोमवार को उसे घर भेज दिया गया। इससे पूर्व मैं रहता बंद कमरे में खुदा की रहमत का अासरा देखता… स्वरचित पंक्तियां सुना कर अपने जज्बे को बयां किया और मेडिकल टीम का शुक्रिया अदा किया। सीएमएस डा. रतनपाल सिंह सुमन उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद एंबुलेंस से अमरिया रवाना कर दिया।
जाते वक्त उसने कहा कि डाक्टरों की टीम और पूरे स्टाफ की बदौलत मुझे नई जिन्दगी मिली है। सीएमएस के अलावा जिला अस्पताल के डा. एके मिश्रा, डा. पीके मिश्रा, फार्मासिस्ट कमलेश सिंह, डा. नितिन मलिक, उमाकांत मिश्रा, डा. जीएस त्रिपाठी, किरन लता, अंजू सिंह, मिथलेश पटेल, दीपा शर्मा, कनक, प्रियंका रानी, दिग्विजय आर्य सहित कई लोग थे।
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