पीलीभीत। हॉटस्पॉट अमरिया कस्बे को सील करने के बाद दूसरे दिन प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी। किसी को भी घरों से बाहर निकलने या झांकने तक की इजाजत नहीं दी गई। इस दौरान यह भी ध्यान रखा गया कि किसी को आवश्यक सामानों की आपूर्ति में कोई दिक्कत न हो। प्रशासन ने दूध,फल,सब्जी और किराने के सामान की घर-घर सप्लाई कराई गई। हालांकि, गैस सिलेंडर की सप्लाई में लोगों को कुछ दिक्कतें आईं।
थाना अमरिया क्षेत्र के कस्बा निवासी मां बेटे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। मां सऊदी अरब से वापस आई थी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल चेकअप कराया तो कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद उनके बेटे में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उपचार के दौरान मां तो पूरी तरह स्वस्थ हो गई। जिसके बाद उनको घर भेज दिया गया जबकि बेटे का अभी उपचार चल रहा है, हालांकि उसकी भी एक रिपोर्ट निगेटिव आ गई है।
शासन से मिले आदेशों के बाद डीएम वैभव श्रीवास्तव ने शनिवार को कस्बा अमरिया को हॉट स्पॉट घोषित करके सील करा दिया। इस दौरान लोगों के आवागमन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। दूसरे दिन सुबह से ही अमरिया में फोर्स एक्टिव रहा। रविवार को कस्बा अमरिया और आसपास के तीन किलोमीटर एरिया में आने वाले लगभग दस गांवों को सैनेटाइज कराने का काम भी शुरू किया गया।
रविवार सुबह सात बजे ही एडीएम अतुल सिंह और एएसपी रोहित मिश्र कस्बा अमरिया पहुंचे। यहां उन्होंने कस्बे का भ्रमण कर सील एरिया का जायजा लिया। कस्बे में लगभग पांच स्थानों पर बैरियर लगाकर सील किया गया है। थाना अमरिया के अलावा पुलिस लाइन से भी फोर्स लगाया गया है। हाइवे पर केवल जरूरी सेवाओं में लगे वाहन और गन्ना वाहन ही निकलने दिए गए।
गैस सिलेंडर लेने जाना पड़ा नहर पुल
सील करने के दौरान कस्बेवासियों को कोई सम
स्या न आए। इसको लेकर प्रशासन ने घर-घर सप्लाई की व्यवस्था की है। कस्बे में दस दूध विक्रेता,दस फल और सब्जी विक्रेताओं को क्षेत्र और मुहल्लों के लिए तय कर दिया है। इसके अलावा दो किराने की दुकानों को भी चिह्नित किया गया है।
फोन आने पर घर की देहरी तक सप्लाई की जा रही है। हालांकि गैस सिलेंडर वितरण के लिए आज नहर पुल पर जाकर लोगों को सिलेंडर लेने जाने में कुछ दिक्कतें हुईं।
अमरिया क्षेत्र के ग्रामीणों की बढ़ीं मुश्किलें
अमरिया के हॉटस्पॉट घोषित होने पर क्षेत्र के ग्रामीणों की मुश्किले बढ़ गईं। हॉटस्पॉट के बाद कुछ क्षेत्रों में न तो सब्जियां मिल पा रही है और न ही दवाएं। ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीणों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। अभी तक सुबह छह से नौ बजे के बीच खुलने वाली दुकानों से जरूरत का सामान ले आते थे, पर अब ऐसा संभव नहीं है।
सबसे बड़ी दिक्कतें मेडिकल स्टोर बंद होने से दवाओं की हो गई है। गांव में तो मेडिकल स्टोर हैं नहीं और कस्बे में भी जा नहीं सकते है। पीलीभीत आना भी मुकिश्ल है। ऐसे में दवाओं से संबंधित लोग करें तो क्या। रविवार को कुछ ग्रामीणों ने कंट्रोलरूम पर अपनी समस्याएं गिनाई। हालांकि राशन, सब्जी संबंधित समस्याओं का समाधान कर दिया गया है।
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