पीलीभीत। तीन दिन पहले पुराना जिला अस्पताल के क्वारंटीन वार्ड में इलाज के अभाव में फर्श पर तड़पकर महिला की मौत के मामले को शासन ने स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही माना है। सीएमओ से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की गई है। वहीं इस बीच डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच शुरू कर दी है। इससे स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ में हड़कंप मच गया है।
गजरौला क्षेत्र के गांव बिठौरा की रहने वाली सुशीला देवी को चार पांच दिनों से बुखार आ रहा था। कोरोना की आशंका पर गांव के लोगों ने इसकी सूचना 108 एबुलेंस को दी। एबुलेंस तेज बुखार देखकर महिला को पुराने अस्पताल में बने क्वारंटीन सेंटर पर ले गई। वहां पर मौजूद स्टाफ ने उसे लेने से मना कर दिया। एंबुलेंस तब उसे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंची। महिला के देवर ने डॉक्टरों से कहा कि भाभी को बुखार है, उसे दवा दे दो। इस पर डॉक्टरों ने महिला का इलाज करने के बजाय उसे भगा दिया। महिला फर्श पर पड़ी तड़पती रही। डॉक्टरों ने महिला को कोरोना मरीज मानते हुए उसका इलाज करने से मना कर दिया। इलाज न मिलने के कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया है कि सेप्टिसीमिया होने से उसकी मौत हुई थी, यानी समय से इलाज मिल जाता तो जिंदगी बच जाती।
इस मामले सीएमओ समेत पूरे स्टाफ की घोर लापरवाही सामने आई। डीएम ने जब सीएमओ को जांच के आदेश दिए तो उन्होंने दो डाक्टरों को जांच अधिकारी नामित कर एंबुलेंस कर्मी, सेंटर पर मौजूद स्टाफ का स्पष्टीकरण तलब कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। इसी वजह से डीएम ने भी मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश कर दिए।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने घटना को गंभीर मानते हुए अधिकारियों की फटकार लगाई। साथ ही सीएमओ से बात करके प्रकरण जाना। शासन ने सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल से पूरे प्रकरण पर रिपोर्ट तलब की। शासन से रिपोर्ट तलब होने के बाद सीएमओ दफ्तर में कार्यरत डॉक्टरों की धड़कने बढ़ गई हैं।
महिला की मौत के मामले में स्टाफ का स्पष्टीकरण तलब किया गया था। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। मेरे स्तर से दो एसीएमओ मामले की जांच कर रहे है। लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी। -डॉ. सीमा अग्रवाल, सीएमओ
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