पीलीभीत। 14 अप्रैल को खत्म होने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किया गया 21 दिन का लॉकडाउन अब दो हफ्ते यानि 30 अप्रैल तक बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। इसकी पूरी रुपरेखा बन चुकी है, सिर्फ अधिकारिक घोषणा होना बाकी है। इस खबर से जनता हैरान और परेशान हो गई है, लेकिन लोग इसके लिए तैयार भी हैं।
21 दिन से हर कोई पहले से ही अपने घर के अंदर कैद है। मगर, कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए जनता ने स्वयं को पूरी तरह से तैयार कर लिया है। इसलिए आम लोग लॉकडाउन बढ़ने को ठीक ही मान रहे हैं। प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है क्योंकि लॉकडाउन खुलने पर जमा होने वाली भीड़ प्रशासन की मुसीबतें बढ़ा सकती थी।
मौजूदा हालात को देखते प्रशासन से लेकर आम पब्लिक 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ना तय मान चुकी है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। प्रयास ये हैं कि लॉकडाउन के समय हर घर में चूल्हा जलता रहे। कोई भूखा न सोए। इसके लिए प्रशासन और समाजसेवियों की ओर से जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। सरकारी राशन की दुकानों को भी सुबह छह से रात नौ बजे तक खोला गया है। लॉकडाउन बढ़ने की स्थिति में पुलिस-प्रशासन इसका पालन कराने के लिए पहले से अधिक सख्त नजर आएगा। इसको लेकर भी अधिकारी मंथन कर रुपरेखा तैयार कर चुके हैं। घरों पर लॉकडाउन लोग कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सरकार के साथ खड़े दिख रहे हैं क्योंकि इसके अलावा दूसरा विकल्प भी नहीं है।
लॉकडाउन बढ़ाने की बात पर मैं यही कहूंगा कि जीवन बहुत अनमोल है। कारोबार प्रभावित हुआ है, मगर यह वक्त कोरोना से जंग जीतने में एक साथ खड़े होने का है। जिंदगी सुरक्षित रहेगी तो कारोबार फिर खड़ा हो जाएगा। -अनूप अग्रवाल, वारदाना व्यापारी
लॉकडाउन कड़वी दवा जैसा
लॉकडाउन का कदम देश और जनता के हित में है। इसे कारोबारी दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। स्वस्थ और जीवित रहने के लिए कड़वी दवा भी पीनी पड़ती है। लॉकडाउन उसी कड़वी दवा के समान है। -विनीत अग्रवाल, बर्तन व्यापारी
देश बचाने के लिए जरूरी
लॉकडाउन बढ़ाना देश बचाने के लिए जरूरी है। जीवन के हर दौर में समस्याएं तो आती ही रहती हैं, आर्थिक क्षति भी पूरी हो जाएगी। मगर कोई चूक रह गई तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती। सब लॉकडाउन का पूरा पालन करेंगे। -नरेंद्र सिंह, शिक्षक
थोड़े समय की बात, सब ठीक होगा
कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लॉकडाउन का पालन और खुद की सुरक्षा के लिए गंभीर होना जरूरी है। बिना कोई काम घरों से बाहर न आएं। बस, कुछ समय की ही तो बात है। फिर सब कुछ ठीक हो जाएगा। – डॉ. संजय कुमार
इकट्ठा न हों, कोरोना के चेन तोड़ें
लॉकडाउन बढ़ाना देशहित में है। लोग इकट्ठा न हो तो कोरोना की चेन टूट जाएगी। अभी तक उठाए गए कदमों से अच्छे संकेत मिले हैं। लॉकडाउन में लोग समझदारी का परिचय दें, आगे और बेहतर परिणाम आएंगे। -डॉ. शैलेंद्र गंगवार
ठीक काम कर रही सरकार
यह कदम देशवासियों की हिफाजत के लिए है। हम सबका भी फर्ज बनता है कि लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करें। सरकार पर सवाल उठाने और छिटपुट दिक्कतों को भूलकर कोरोना की लड़ाई में सब मिलकर सहयोग करें। -बविता रानी, शिक्षक
स्वयं सहयोग करें, दूसरों को प्रेरित करें
लॉकडाउन से आर्थिक संकट बढ़ेगा, यह सही बात है। मगर देश के करोड़ों लोगों की जान भी बचेगी। जान बचाना प्राथमिकता में है। हम खुद भी सहयोग करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। यही वक्त की मांग है। -महेश मिश्रा, अधिवक्ता
लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता
कोरोना जैसी महामारी सामाजिक दूरी बनाने से ही खत्म हो सकती है। इसके लिए लॉकडाउन जरूरी है। इसके बिना सड़कों पर न तो आवाजाही रुकेगी, न ही सामाजिक दूरी बन पाएगी। यह सही कदम है। सबको साथ रहना चाहिए। – रामअवतार रस्तोगी, अधिवक्ता
हम सब कोरोना को हराएंगे
घर के रोजमर्रा का सामान मुहैया कराया जा रहा है। लॉकडाउन में आगे भी इसी तरह से व्यवस्था बनी रहे। किसी को कोई दिक्कत नहीं आएगी। हम सामाजिक दूरी बनाकर कोरोना को हराने में सफल होंगे। -श्वेता अग्रवाल, गृहिणी
बिना लॉकडाउन कोरोना संक्रमण रुकना मुश्किल
बिना लॉकडाउन कोरोना संक्रमण काबू करना मुश्किल है। इसका पालन करने के लिए लोग जागरूक बनें और प्रशासन भी सख्त रहे। लोग समझें कि छिपकर वह खुद को ही धोखा दे रहे हैं। गंभीरता से नियमों का पालन करें। – अंजलि, गृहिणी
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