गोंडा : प्रतिभा हर किसी में होती है, बस उसे पहचानने की जरूरत है। सालेहा को जैसे ही मौका मिला वह कामयाबी की सीढ़ी चढ़ने लगी। बात जून 2009 की है। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय परसपुर की टीम वार्डेन नीलम सिंह की अगुवाई में हॉउस होल्ड सर्वे कर रही थीं। भौरीगंज में 10-11 साल की एक बच्ची टहलते हुए मिली। टीम ने नाम, पता पूछा। पढ़ाई के बारे में जानकारी की तो, बताया कि वह स्कूल नहीं जाती है। शिक्षा के साथ खेल में किया कमाल : आयु के आधार पर बालिका सालेहा बानो का नाम कस्तूरबा विद्यालय में पंजीकृत किया गया। यहां उसे ककहरा से लेकर पाठ्यक्रम का ज्ञान कराया गया। सालेहा ने वर्ष 2015 में एनसीसी की राज्य स्तरीय राइफल शूटिग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। पढ़ाई में उसका प्रदर्शन ठीक रहा। अब वह क्षेत्र की दूसरी बच्चियों के शिक्षा को लेकर काम कर रही हैं। उनके कार्यों को देखते हुए वर्ष 2019 में सीतापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
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