गोंडा/ जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर अब एक और पहल की जा रही है। जिले के पांच और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन्हें फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) बनाने की योजना है। जिससे यहां पर मरीजों को इलाज में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही प्रसव के दौरान या फिर अन्य सामान्य दिक्कतों पर आपरेशन के लिए मुख्यालय का चक्कर न काटना पड़े। अभी तक ग्रामीण इलाकों में स्थापित सीएचसी पर बेहतर सेवाएं न होने के कारण प्रसूताओं को मुख्यालय रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानी होती है। अब इस व्यवस्था को और बेहतर बनाने की योजना है। जिले की कुल 34 लाख की आबादी के सापेक्ष जिले में कम से कम सात एफआरयू होने चाहिए। अभी तक मात्र दो ही थे। जिससे दिक्कत आ रही थी। अब इटियाथोक, मनकापुर, वजीरगंज, मुजेहना व खरगूपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को एफआरयू बनाने का मसौदा तैयार किया गया है। इसके बाद से यहां पर चिकित्सकों के पद बढ़ जाएंगे। महिला व बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती हर हाल में रहेगी। जिससे काफी सुधार होगा।
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