संतकबीरनगर। मध्देशिया-कान्दू वैश्य समाज आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ वर्ग है कान्दू जाति का जीवकोपार्जन का साधन दुकान पेशा करके किसी तरह से जीवन यापन करना है, इनके पेशा को भी दूसरे वर्ग के लोगों ने अपना लिया है और अन्य जातियों के पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उनके कसी साक्ष्य की आवश्यकता नहीं होती है। वैश्य समाज भाजपा सरकार का अहम सहयोगी हिस्सा है उसी सरकार में वैश्य समाज का उत्पीड़न बढ़ गया है अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है। सबसे बड़ा समस्या पूरे प्रदेश में कान्दू जाति प्रमाण पत्र की है Iकान्दू जाति को पिछड़ी जाति शामिल किए हुए दो दशक से अधिक हो गया लेकिन हल्का लेखपाल व जिम्मेदार अधिकारी जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आनाकानी कर 1359 फसली में वैश्य लिखा हुआ का हवाला देकर आवदेन को निरश्त कर परेशान किया जा रहा है यहां तक कि धनउगाही की भी बहुत शिकायतें हैं परिवार के किसी एक सदस्य के नाम से पिछड़ी जाति प्रमाण जारी कर दें रहें हैं बाकी सदस्यों को तहसील का चक्कर लगाना पड़ रहा है, आवेदक साक्ष्य के रूप में पट्टीदार, रिश्तेदार, टी सी, ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर का नकल यहां तक कि तहसील से स्टाम्प शपथ पत्र भी संलग्न कर रहे हैं फिर भी बिना किसी सत्यापन के आवेदक द्वारा आवेदन को निरश्त कर दे रहे हैं, हमारा युवा हताश परेशान हैं नौकरी, विद्यालय में छात्रवृत्ति हेतु आदि के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है लेकिन बेलगाम हल्का लेखपाल सब पानी फेर दे रहे हैं। यदि परिवार या रिश्तेदार का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है तो सभी का जारी हो यदि ऐसा नहीं करते हैं तो हमारा संगठन वृहद पैमाने पर जिला तहसील का घेराव करेगी जो इसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
उक्त बातें अखिल भारतीय मध्देशीय वैश्य सभा के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश लालचन्द्र मध्देशिया ने कही हैं
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