Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Saturday, May 10, 2025 1:07:29 AM

वीडियो देखें

सन्तकबीरनगर। श्रीमद्भागवत कथा रात्रि के समय श्रोता श्रद्धालुओ जनों की उमड़ी भीड़

सन्तकबीरनगर। श्रीमद्भागवत कथा रात्रि के समय श्रोता श्रद्धालुओ जनों की उमड़ी भीड़
/ / से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार डॉ लालचंद की रिपोर्ट

सन्तकबीरनगर/धर्मसिंहवा। स्थानिय धर्मसिंहवा बाजार सन्त कबीर नगर में चल रही भागवत कथा श्री संतोष शुक्ल जी महाराज वृन्दावन धाम से पधारे उनके द्वारा संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा रसपान का आज तृतीय दिवस श्रोता- पुरुष महिला श्रद्धालुओ भारी संख्या में भीड़ उमड़ी।
गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर धर्मसिंहवा बाजार श्री राम जानकी मंदिर शिव प्रांगण स्थान पर श्री मुकेश कुमार मध्देशिया जी द्वारा विगत आठ वर्षों से श्री गणेश जी की प्रतिमा बैठाया जाता है और हर वर्ष धार्मिक सन्तो द्वारा श्रीमद्भागवत कथा पुराण का पाठ होता है संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का तृतीय दिन वृन्दावन धाम से आए श्री संतोष शुक्ल जी अमृतमयी मुखारविंद से सभी स्रोताओं को राजा परीक्षित के जीवन परिचय का उल्लेख करते हुए महाराज जी ने राजा परीक्षित के बारे में विस्तार से बताया और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प दिलाया। .
राजा परीक्षित और कलयुग कथा-
परीक्षितजी महाराज अर्जुन के पौत्र और वीर अभिमन्यु के पुत्र है। पाण्डवों के स्वर्ग जाने के पश्चात राजा परीक्षित ऋषि-मुनियों के आदेशानुसार धर्मपूर्वक शासन करने लगे।
उनके जन्म के समय ज्योतिषियों ने जिन गुणों का वर्णन किया था, वे समस्त गुण उनमें विद्यमान थे। उनका विवाह राजा उत्तर की कन्या इरावती से हुआ। उससे उन्हें जनमेजय आदि चार पुत्र प्राप्त हुए। इस प्रकार वे समस्त ऐश्वर्य भोग रहे थे।
आचार्य कृप को गुरु बना कर उन्होंने जाह्नवी के तट पर तीन अश्वमेघ यज्ञ किये। उन यज्ञों में अनन्त धन राशि ब्रह्मणों को दान में दी और दिग्विजय हेतु निकल गये। दिग्विजय करते हुए परीक्षित सरस्वती नदी के तट पर पहुंचे। वहां पर राजा ने एक बैल और गऊ को पुरुष भाषा में बात करते हुए सुना। वो बैल केवल एक पैर पर खड़ा था जबकि गाय की दशा जीर्ण-शीर्ण थी और आँखों में आंसू थे। ये बैल साक्षात् धर्म है और गऊ धरती माता है। बैल केवल एक पाँव पर खड़ा है। जो सत्य है। बैल के तीन पाँव नही है दया, तप और पवित्रता। बैल केवल एक पाँव पर खड़ा है कलयुग में ना दया होगी, ना तप होगा, ना पवित्रता होगी केवल सत्य होगा।
इसी कड़ी में कथा को विस्तार देते हुए जीवनी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और उनके रास्ते पर चलने का संकल्प दिलाया….. श्रोतागण और भारी संख्या में उपस्थित दर्ज करावे श्रीमद्भागवत कथा सुनकर अपने जीवन की बुराई त्यागकर अच्छाई के रास्ते चलकर अपने जीवन को धन्य बनावे।
बाजार क्षेत्र से उपस्थित श्रोतागण-श्रोतागण-साधू पटवा, विपिन उर्फ भोले पांडेय, राजकुमार जायसवाल, फूलचंद मध्देशिया, किशोरी गुप्ता, प्रमोद जायसवाल, हरिप्रसाद चौबे,पवन मौर्य गुलरिहा, अनिल मोदनवाल, रमेश कुमार मध्देशिया, महेंद्र, घनश्याम,पवन, सुरेश,, तेजू उर्फ अजय गुप्ता, राजेंद्र, हरिश्चंद्र, अच्छेलाल जायसवाल, कृष्णचंद्र पटवा, रामचंद्र, संजय उर्फ भेली, सुनील, प्रदीपकुमार वर्मा, रामफेर, राधेश्याम निषाद, गुलाब, रामेश्वर, रमेश जायसवाल, राजेश पांडेय,सावन सोनी, सतीश, अशोक, संतोष, बुद्धिराम, धर्मेन्द्र उर्फ कोठारी विश्वकर्मा,सूरज, राममिलन, सहित आदि लोग मौजूद रहे

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *