जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश के बीच ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आर्टिकल 35ए को हटा सकती है. हालांकि खबरें ये भी आ रही हैं कि आतंकी खतरों के मद्देनजर जवानों को तैनात किया गया है. अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा. महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा कि जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जल कर खाक हो जाएगा. इससे पहले महबूबा ने ट्विटर पर लिखा,”कश्मीर में अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में डर पैदा कर दिया है. कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता. भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरूस्त करने की जरूरत है.”
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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 और 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जे एंड केपीएम) और राज्य के सभी क्षेत्रीय दलों ने अनुच्छेद 370 और 35ए से छेड़छाड़ का विरोध किया है. 15 अगस्त से पहले जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश के बाद खलबली मच गई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि 35ए को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. दरअसल जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने सीएपीएफ की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने का आदेश दिया था. इन केंद्रीय बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शामिल हैं.
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