शनिवार को सीएमओ और सीएमएस को प्रमुख सचिव ने लखनऊ तलब कर लिया। दोनों से बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अपना अपना स्पष्टीकरण देने को निर्देशित किया। दोनों अधिकारी मीटिंग में लखनऊ जानें की बात कह रवाना हो गए। दो दिन पहले हिन्दुस्तान ने जिला अस्पताल में कंधे पर शव ले जा रहे पिता की खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद यह खबर काफी वायरल हो गयी। साथ ही इस खबर की गूंज लखनऊ तक पहुंच गयी। खबर छपने ही अधिकारियों से जबाव तलब क र लिया गया। इसके बाद अधिकारियों ने अपनी सफायी भी मीडिया में दी। इसके बाद भी लखनऊ के अधिकारियों ने उनकी बात से संतुष्ट न होकर लखनऊ तलब कर लिया। सूत्रों की माने तो इसके अलावा भी सीएमओ सहित कई अन्य अधिकारियों की तमाम तरह की अन्य आरोप लगाकर भी शिकायत आला अधिकारियों के पास पहुंची है। सूत्रों का कहना है इसके चलते ही इन दोनों पर कार्रवाई होना निश्चित है। मामले को दबाने में लगे अधिकरी इस ममले के तूल पकड़ने के साथ ही अधिकारी इसको नया रंग देने में ही जुट गए। आलम यह हो गया कि सीएमओ और सीएमएस के करीबी भाजपा नेता भी इसमें शामिल हो गए। बायकायदा सोशल मीडिया का भी सहारा लेकर मनगढ़त कहानी को पेश करने का प्रयास किया गया। नेता जी पीड़ित के घर गए। वह स्वास्थ्य महकमे को क्लीनचीट दिलाने में गांव तक पहुंच गए। बीमारी पर रोक थाम नहीं आंकड़ों में कर रहे हेर फेर स्वास्थ्य महकमा जिले में परेशान कर रही बीमारियों पर रोक लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है। इसके बाद इन कमियों को छ़ुपाने को आंकड़ों में हेर फेर कर रहे है। आलम यह है कि जिला अस्पताल में आने वालें बीमार बच्चों में एक नहीं कई बीमारियों से ग्रस्त दर्ज किया जा रहा है। इनकी मौत होने पर अन्य बीमारी से मौत होना बता देने का खेल चल रहा है। जच्चा बच्चा की मौत पर भी नहीं लग रहा विराम बीमारी पर रोक थाम नहीं आंकड़ों में कर रहे हेर फेर स्वास्थ्य महकमा जिले में परेशान कर रही बीमारियों पर रोक लगाने में सफल नहीं हो पा रहा है। इसके बाद इन कमियों को छ़ुपाने को आंकड़ों में हेर फेर कर रहे है। आलम यह है कि जिला अस्पताल में आने वालें बीमार बच्चों में एक नहीं कई बीमारियों से ग्रस्त दर्ज किया जा रहा है। इनकी मौत होने पर अन्य बीमारी से मौत होना बता देने का खेल चल रहा है। जच्चा बच्चा की मौत पर भी नहीं लग रहा विराम
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