लखीमपुर खीरी
लखीमपुर-खीरी जिले के अंतर्गत नकहा ब्लाक में पड़ने वाली ग्राम पंचायत त्रिकौलिया जहां पर चल रहा है सबकुछ राम भरोसे बेखौफ निडर होकर इस ग्राम पंचायत में लगता है कि नियम और कायदे कानून से इसको अलग कर दिया गया है और भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देदी गई हो गंदगी से लबरेज इस ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान का किस तरह से हो रहा है अपमान गांव में सफाई किट ठेलिया, मरम्मत, रिबोर, कूड़ादान बैठक खर्च मरम्मत व फागिंग जैसी मदों के नाम पर खेला जाता है धन उगाही का खेल आवास में 15 से 20 हजार की डिमाण्ड शौचालय में चार से पांच हजार सुविधा शुल्क प्रधान जी को देना अनिवार्य है वरना अपात्र हो जाओगें। करता तो क्या न करता के इस खेल में हमेशा गरीब ही मरता है और जब पत्रकारों की टीम ने इस गांव का सर्वे किया तो स्थिति काफी दयनीय शौचालय बना तो गड्ढ़े अधबने पड़े दरवाजे टूट चुके है और जमकर हो रहा है भष्ठाचार जूनियर हाई स्कूल में पीले ईंटों से भी बत्तर इससे पहले भी खबर प्रकाशित हुई जिसमें आवास शौचालय में तय धन राशि दे चुके है या दे रहे हैं तो उन्ही का पेमेंट निकला गया शौचालय बना नहीं या पुराने शौचालय दिखा कर पेमेंट निकाल लिया गया जैसे की
राजेंद्र प्रसाद शिवचरन रामधार बाजपेई अशोक कुमार राम सनेही
अनूप विजय कुमार जिनके शौचालय फर्जी खड़े कर के पूरा पेमेंट निकल गया और गड्डे तक नहीं खुदे और राम जीवन योगेन्द्र कुमार आदि के पूराने शौचालय दिखा कर प्रधान सेक्रेटरी ने पेमेंट निकाल लिया प्रधान मंत्री आवास में जमकर धन उगाही की गई और गरीब आसाहय लाभार्थियों को प्रताडि़त किया जा रहा है नाजायज रूपए मांगे जा रहे हैं पूरी ग्राम पंचायत गन्दगी से पटी पड़ी है सफाई कर्मी विपिन सैनी के हाथ में कभी भी किसी ने झाड़ू नहीं देखी सफाई क्या दिखाई देगी वह प्रधान सेक्रेटरी को माह पूरा होते ही पूज्य देते हैं और ठाठ से मस्ती करता है जिस कारण नालिया चोक पड़ी है और नालियो का पानी रोडो पर जाता है जिससे काफी लोग गिर चुके और इस गन्दे पानी से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप फागिंग क्या है यह ग्राम वासियों को नही पता सारे कार्य प्रधान के लड़के उकेश वर्मा उर्फ छोटू की सह पर हो रहे है प्रधान तो एक महिला बस महिला है। यह इस लिए कहना है उसकी स्थिति घर से ना निकलने वाली महिला की है कार्यवाहक प्रधान की चलती है दबंगई अपने बिरूद्ध उठने वाले है स्वर को दबाने की कला में माहिर उकेश पर यह गाना बिल्कुल सटीक बैठता है मैं चाहे यह करूं मैं चाहे वह करूं मेरी मर्जी इस ग्राम पंचायत में ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।
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