सिद्धार्थनगर। शिक्षिका अंजली यादव की संदिग्ध मौत पर अब भी सस्पेंस बना हुवा है। 15 दिन बीत चुका है लेकिन मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुवा है। मृतका के परिजन भी अब तक के जाँच से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। इधर विवेचक ने भी विवेचना से इंकार कर दिया है। अब थानेदार मोहाना स्वयं ही विवेचना करेंगे किन्तु मृतका के परिवार वाले इससे भी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में एक बार विवेचना और बदले जाने की संभावना है।
परिजनों ने शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की जो लगातार उच्च स्तरीय जाँच की मांग कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष श्री राधेरमण त्रिपाठी जी कई बार लिखित रूप से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर चुके है। ज्ञात को की 21 मई की शाम संदिग्ध परिस्थितियों में महिला शिक्षिका अंजली यादव की जलकर मौत हो गई थी। जांच थाने में तैनात अजय शंकर यादव के सुपुर्द की गई थी। लेकिन जब मामला तूल पकड़ने लगा तो विवेचक ने हाथ खींच लिए। बाद एसओ को विवेचक बनाया गया है। मृतक अंजली के पिता अजय कुमार यादव ने कहा कि कई ऐसे सवाल हैं जिसका उत्तर अभी तक नहीं मिल पाया है। पुलिस ने अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट की हार्ड कापी तक नहीं दी है। पंचनामा व वीडियो क्लिप देने के नाम टाल मटोल कर रही है जबकि पीड़ित पक्ष को यह सामान उपलब्ध कराये जाने का नियम है।
यह था घटना स्थल का दृश्य– पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची थी तो कमरा खुला था। अंजली का शव तख्ते के बगल में नीचे फर्श पर था। उसका गला जंजीर से बंधा था। दाएं हाथ का पंजा खुला था और बायां बंद। पैर तार से बंधे थे। शरीर पर मामूली कपड़े थे। अस्सी फीसद अंग जल गए थे। तार को पुलिस ने खुद ही काटकर निकाला था।
स पी श्री धर्म वीर सिंह ने बताया कि मृतका अंजली से बातचीत करने वाले एक शिक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जेल भेजे दिया गया है। घटना की जांच चल रही है। यदि मामला हत्या का निकलता है तो धरावों में परिवर्तन किया जाएगा। अब विवेचना थानेदार अंजनी राय कर रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो विवेचना फिर बदली जा सकती है।
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